ईडी ने मंगलवार को झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से साढ़े नौ घंटे पूछताछ की। पूछताछ पूरी नहीं हो पाने के कारण बुधवार को उन्हें ईडी ने फिर पूछताछ के लिए रांची स्थित जोनल कार्यालय बुलाया है।आलमगीर आलम मंगलवार सुबह करीब 11 बजे ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय पहुंचे। अपने साथ वह कुछ दस्तावेज भी लेकर पहुंचे थे। यहां उन्होंने दावा किया कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। यह भी कहा कि ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजकर एक ही दिन का समय दिया। फिर भी वह कानून को मानने वाले हैं, इसलिए ईडी के बुलावे पर पहुंचे हैं। रात 8.30 बजे तक मंत्री से पूछताछ होती रही। इस क्रम में ईडी ने उनसे उनकी व उनके पारिवार के सदस्यों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा भी लिया।

मंत्री आलमगीर से ईडी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर घोटाला मामले में पूछताछ कर रही है। पिछले हफ्ते ईडी ने मंत्री के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और निजी सचिव के नौकर जहांगीर आलम तथा कुछ ठेकेदारों के घर छापेमारी कर 37 करोड़ रुपये से अधिक नकद बरामद किए थे। इनमें 31 करोड़ रुपये नौकर के फ्लैट से मिले थे। निजी सचिव व नौकर दोनों को गिरफ्तार करने के बाद रिमांड पर लेकर ईडी उनसे पूछताछ कर रही है।विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम को ईडी पहले ही इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। वीरेंद्र राम गत वर्ष 23 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किए गए थे। ईडी ने उनके विरुद्ध छानबीन में वीरेंद्र राम के पास सवा सौ करोड़ की अवैध संपत्ति का पता लगाया था। उनकी करोड़ों की संपत्ति की जब्ती हो चुकी है।ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में कोर्ट को बताया था कि ग्रामीण विकास विभाग के निर्माण कार्यों के टेंडर में बड़े पैमाने पर कमीशन का खेल चल रहा है और रिश्वत के पैसे नेताओं-अफसरों तक पहुंच रहे हैं। मंगलवार को संजीव लाल की पत्नी रीता लाल को भी ईडी कार्यालय में बुलाकर ईडी ने पूछताछ की। मंत्री आलमगीर आलम व उनके निजी सचिव संजीव लाल को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की गई।