भाजपा-कांग्रेस में रोज तय हो रहे हैं मुद्दे, हर बूथ पर वॉलंटियर


भोपाल । मप्र विधानसभा में अब करीब 3 माह का समय बचा है। इसलिए चुनावी संग्राम तेज हो गया है। खासकर भाजपा और कांग्रेस में फील्ड के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर भी जमकर चुनाव प्रचार और एक-दूसरे पर इलेक्शन वॉर किया जा रहा है। इसके लिए रोज नए-नए नारे गढ़े जा रहे हैं। रोज नए-नए मुद्दे उछाले जा रहे हैं। इससे इस बार का विधानसभा चुनाव काफी रोचक होता जा रहा है।
गौरतलब है कि मिशन 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस ने 2020 से ही तैयारी शुरू कर दी थी। अब इस साल चुनाव होना है, इसलिए धार तेज हो गई है। मैदान में भले ही बैनर, पोस्टर और कार्यकर्ताओं की हलचल नहीं दिख रही हो, लेकिन सियासी रणनीतिकार सोशल मीडिया पर जंग का मैदान सजा चुके हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर अकाउंट और वाट्सएप ग्रुपों पर डिस्प्ले हो रहे राजनीतिक मैसेज इसी प्लानिंग की उपज हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को इस काम के लिए आउटसोर्स किया है। इनके रणनीतिकार कॉर्पोरेट कंपनी की तर्ज पर काम करते हैं। रोजाना सुबह असाइनमेंट मीटिंग होती है तो शाम को रिव्यू। भाजपा में ये हर दिन तय किया जाता है कि आज ट्वविटर पर कौन सा हैशटेग ट्रेंड कराना है। इसका समय सुबह 9 बजे से शुरू होता है। कांग्रेस भी इसी तर्ज पर काम करती है। पार्टी के 2 हजार से ज्यादा वॉट्सएप ग्रुप हैं। ये ग्रुप्स हर जिले में हैं। हर बूथ पर 15 से 20 वॉलंटियर होने का दावा है।

भाजपा के 1.25 लाख डिजिटल योद्धा
भाजपा दूसरी पार्टियों की तुलना में हमेशा सोशल मीडिया पर आगे रही है। साल 2014 में जब कोई सियासी पार्टी सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं थी, उसी समय भाजपा ने इसकी ताकत को समझ लिया था और पार्टी सफल भी रही। इस बार मध्यप्रदेश चुनाव के लिए प्रदेश में एक अलग टीम का गठन किया गया है। यह टीम राज्य में सोशल मीडिया के जरिए मतदाताओं तक पहुंचने की तैयारी में है। प्रदेश में भाजपा के 1.25 लाख डिजिटल योद्धा हैं। एक प्रोफेशन टीम भी है, जो सैलरी पर काम करती है। ये लोग ग्राफिक्स डिजाइनर, वीडियो एडिटर, रिसर्चर और कंटेंट राइटर हैं। इनका इंटरव्यू अभिषेक शर्मा लेते हैं। अभिषेक भाजपा एमपी सोशल मीडिया विभाग के को-ऑर्डिनेटर हैं। वे 2014 में भाजपा नेशनल आईटी सेल के हेड अमित मालवीय के साथ काम कर चुके हैं। भाजपा पिछले डेढ़ साल से एमपी चुनाव के लिए तैयारी कर रही है। पार्टी ने प्रदेश को अपने हिसाब से जोन और जिलों में बांटा है। प्रदेश 10 जोन में बंटा हंै। यह हैं- चंबल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और सागर। हर संभाग का एक प्रभारी होता है, जिसके अंतर्गत एक सपोर्टिंग हेड है। वही हर जिले से को-ऑर्डिनेट करते हैं। हर टीम में प्रत्येक प्लेटफॉर्म के लिए एक-एक व्यक्ति इंचार्ज है यानी 4 लोग। यह टीम जिला लेवल पर काम करती है। उसके नीचे विधानसभा है। हर विधानसभा का एक इंचार्ज और एक को-इंचार्ज है। प्रदेश में 1070 मंडल हैं। हर मंडल में 2 लोगों की टीम काम करती है। 64,100 बूथ हैं।

कांग्रेस का भी सोशल मीडिया पर फोकस
कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम साल 2017 से मध्यप्रदेश में एक्टिव है। मप्र सोशल मीडिया उपाध्यक्ष अभिनव बरोलिया के अलावा अभय तिवारी, रुचिरा चतुर्वेदी और शोभा ओझा टीम में हैं। सुप्रिया श्रीनेत इसे हेड करती हैं। कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम हर रोज सुबह 6:30 से रात 11:45 तक सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती है। एमपी स्टेट टीम में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और सचिव हैं। 29 जिलों में सोशल मीडिया प्रभारी भी हैं। हर विधानसभा को मिलाकर 230 सोशल को-ऑर्डिनेटर हैं। ब्लॉक लेवल पर भी टीमें हैं। इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक और वॉट्सएप के माध्यम से आम लोगों को पार्टी से जोड़ा जा रहा है। कांग्रेस के पास 2000 वॉट्सएप ग्रुप हैं। हर बूथ पर पार्टी के 15-20 वॉलंटियर एक्टिव हैं। अभिनव ने कहा- कांग्रेस ने ढाई साल पहले सोशल मीडिया वॉरियर नाम से एप लॉन्च किया था। हम इसके जरिए एमपी के हर जिले से 3 हजार लोगों को जोडऩे में कामयाब हुए हैं। इस अभियान में हमारे समर्थकों के कई मिस्ड कॉल आए। ये वो लोग हैं, जो सोशल मीडिया विभाग के जरिए पार्टी को अपना श्रम देना चाहते हैं। भाजपा के लोग भी हमारी प्लानिंग जानने के लिए सेंधमारी करते हैं। इससे बचने के लिए इनका फेसबुक अकाउंट चेक किया जाता है। वेरिफिकेशन और जांच होती है। जिलाध्यक्ष अपने लेवल पर पड़ताल करते हैं। किसी भी सहयोगी की पूरी जांच होती है, तभी उसे ऐप में एंट्री मिलती है। अब हमने रीच-100 की शुरूआत की है। 53 जिलों में 100 ऐसे लोगों को जोड़ा, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। रीच-100 अभियान से हर जिले में जुडऩे वालों की संख्या 400- 500 रही है।