कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सुविधा शुरू की है। इसके तहत ईपीएफओ के 73 लाख से अधिक पेंशनर कहीं से भी फेस ऑथेंटिकेशन (चेहरा सत्यापन) के जरिये जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे। इससे सबसे अधिक सुविधा उन बुजुर्ग पेंशनरों को होगी जिन्हें उम्र के चलते बायो मीट्रिक (फिंगर प्रिंट व आईरिस) सत्यापन में दिक्कत आती है। ईपीएफओ के निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) के अध्यक्ष श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस सुविधा की शुरुआत की। इससे पहले सीबीटी ने अपनी 231वीं बैठक में पेंशनभोगियों के लिए ईपीएफओ सेवाओं में और सुधार के लिए पेंशन के केंद्रीकृत वितरण को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने पेंशन और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना कैलकुलेटर भी लॉन्च किया जो पेंशनभोगी और परिवार के सदस्यों को पेंशन और मृत्यु से जुड़े बीमा लाभ के लाभों की गणना करने के लिए ऑनलाइन सुविधा प्रदान करता है, जिसके लिए वे पात्र हैं। मंत्री ने ईपीएफओ की प्रशिक्षण नीति भी जारी की जिसका उद्देश्य ईपीएफओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सक्षम, उत्तरदायी और भविष्य के लिए तैयार संवर्ग के रूप में विकसित करना है, जो कि ईपीएफओ के विजन और मिशन को विश्व स्तरीय सामाजिक सुरक्षा के रूप में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ट्रेनिंग पॉलिसी के तहत सलाना 14 हजार कर्मचारियों को आठ दिनों के लिए ट्रेंनिंग दी जाएगी और इसके लिए वेतन वजट का तीन फीसदी रखा जाएगा। सीबीटी ने तीन साल के लिए ईपीएफओ की प्रतिभूतियों के संरक्षक के रूप में सिटी बैंक की नियुक्ति को भी मंजूरी दी। वर्तमान कस्टोडियन स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के कार्यकाल को नए अभिरक्षक के पदभार संभालने तक बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।