जयपुर। राजस्थान में इस बार मानसून में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश के बाद अधिकतर बांधों में पानी की जोरदार आवक हुई है। इसके बावजूद कुछ बांध ऐसे हैं जो आज भी खाली पड़े हैं। करीब सवा करोड़ लोगों को पेयजल की आपूर्ति करने वाले बीसलपुर बांध समेत कोटा बैराज और राणा प्रताप सागर बांध भले ही जलभराव की दृष्टि से अपने उच्चतम स्तर पर हो। कभी जयपुर की लाइफ लाइन रहा रामगढ़ बांध में फिर भी सूखा पड़ा है। हैरत की बात है राजस्थान में इतनी अच्छी बारिश के बावजूद इस बांध में पानी नहीं आया। वजह है बांध के कैचमेंट एरिया हो रखे अतिक्रमण।
  रामगढ़ बांध को भरने के लिये लंबे अरसे तक मुहिम चली। अदालत ने भी मामले में दखल दिया। इस साल मानसून भी प्रदेश पर जमकर मेहरबान हुआ, लेकिन कोई भी रामगढ़ की तकदीर नहीं बदल पाया। आज भी बांध में पानी नहीं आया है। सिर्फ रामगढ़ बांध ही नहीं अतिक्रमण की चपेट में आने की वजह से भरतपुर के सीकरी बांध और जयपुर के ही कालख सागर बांध में पानी एक भी बूंद नहीं आई है। वहीं भीलवाड़ा के मेजा बांध में महज 4.86 और राजसमंद के राजसमंद बांध में पानी महज 14.24 फीसदी पानी आया है।
  रामगढ़ बांध की भराव क्षमता 19.82 मीटर है। ऐसा नहीं हैं कि पूरे जयपुर संभाग के बांधों में ही पानी नहीं आया है। जयपुर संभाग छोटे बडे़ बांधों को देखा जाए तो कुल 268 बांध हैं। इन बांधों में 68.15 फीसदी पानी आया है। कालख सागर की कुल भराव क्षमता 7.93 मीटर है। इसमें कुल 16.45 एम क्यूसेक पानी आ सकता है। लेकिन इसमें भी पानी का स्तर शून्य पर है। भरतपुर के सीकरी डायवर्जन बांध का भी यही हाल है।
  सूखे पड़े इन सभी बांधों में पानी नहीं आने की वजह इनके कैचमेंट एरिया में हद से ज्यादा हो रखे अतिक्रमण हैं। हालांकि सरकार की ओर से हर साल मानसून से पहले ये दावे किये जाते हैं कि बरसात के बाद पानी आ जाएगा। लेकिन इस साल इतनी अच्छी बरसात के बावजूद भी ये बांध सूखे के सूखे ही रहे और सरकार के दावे खोखले साबित हुये।