छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सरकारी निवास है। दूसरा दुर्ग जिले के पाटन में है, जो उनका खुद का आवास है। लेकिन धमतरी जिले में भी 'भूपेश बघेल निवास' है। जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। यह निवास एक किसान का घर है, जिस पर उसने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम लिखवा दिया है। किसान ने इसकी वजह भी बताई है। फिलहाल उनका निवास सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। तस्वीरें सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसके के लिए किसान का आभार जताया है।

दरअसल, यह सारा मामला धमतरी जिले के भोयना गांव का है। प्रदेश में भूपेश बघेल सरकार बनते ही किसानों के कर्जमाफी की घोषणा की गई थी। इस योजना में भोयना गांव के किसान बलराम देवांगन को भी लाभ मिला है। योजना के तहत उनका करीब पांच लाख रुपये का कर्ज माफ किया गया। कर्जमाफी के रुपयों से किसान बलराम देवागंन अपने सपने को पूरा करने के लिए तीन कमरों का मकान बनवाना शुरू किया, लेकिन कोरोना काल में उनकी मौत हो गई। इससे उनका सपना अधूरा रह गया।

किसान के भाई अशोक कुमार बताते हैं कि बलराम इस मकान को बनवाकर इसका नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रखना चाहते थे। इस बीच अचानक उनकी मौत हो गई। ऐसे में भाई बलराम की अंतिम इच्छा अधूरी रह गई। इसे पूरा करने के लिए पूरा परिवार एक साथ आ गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए तीन कमरे के अधूरे मकान का निर्माण पूरा कराया। मकान बनने के बाद अब उनके परिवार के सदस्यों ने इसका नाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निवास रखा है। इसके बाद यह मकान पूरे प्रदेश में चर्चित हो गया है।

किसान अशोक कुमार ने बताया कि, राजीव गांधी न्याय योजना के तहत बोनस की राशि भी उन्हे लगातार मिल रही है। इसके अलावा सरकार की गोबर खरीदी योजना के तहत गोबर भी बेच रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। परिवार के मुताबिक किसान बलराम देवांगन तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। तीनों भाइयों को मिलाकर करीब 15 एकड़ जमीन है। इनमें अकेले बलराम के पास करीब चार एकड़ से अधिक जमीन है। खेती किसानी कार्य में काफी कर्जा था। कर्जामाफी से उन्हे बड़ी राहत मिली थी।