इंदौर ।   आने वाले दिनों में इंदौर-उज्जैन संभाग के शहर और कस्बों में आयकर सर्वे की कार्रवाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वित्त वर्ष समाप्त होने में सिर्फ 41 दिन बचे हैं। आयकर इंदौर परिक्षेत्र को इस अवधि में करीब 900 करोड़ का कर जुटाना है। इंदौर परिक्षेत्र में इंदौर-उज्जैन संभाग के 16 जिले आते हैं। सीबीडीटी ने इंदौर के लिए लक्ष्य को बीते साल के मुकाबले सीधे-सीधे दोगुना ही कर दिया है। बीते वित्त वर्ष में आयकर इंदौर को 2200 करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया था। उसी बीच केंद्र सरकार ने आयकर के वर्षों पुराने लंबित प्रकरणों के निपटारे के लिए विवाद से विश्वास योजना घोषित कर दी। योजना का लाभ विभाग को मिला। असर से हुआ कि लक्ष्य आयकर इंदौर ने सरकार के खजाने में लगभग 3200 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाकर जमा करवा दिया। बीते साल विभाग के अधिकारियों के पास सर्वे के अधिकार भी नहीं थे। ऐसे में लक्ष्य से आगे जाकर राजस्व जुटाने का असर हुआ कि इस साल के लिए आयकर इंदौर को करीब 4000 करोड़ का राजस्व दे दिया है। इसी महीने प्रदेश के आला अधिकारियों ने इंदौर में अधिकारियों की बैठक ली। आंकड़ा सामने आया कि जनवरी अंत: तक विभाग इंदौर परिक्षेत्र में सिर्फ 2020 करोड़ रुपये ही जुटा सका है। ऐसे में अब वित्त वर्ष खत्म होने से पहले फरवरी के बचे 10 दिनों और मार्च के 31 दिनों में विभाग को लगभग 900 करोड़ और जुटाना है। जीएसटी से उम्मीद आयकर सर्वे की संख्या बढ़ने की आशंका से कर पेशेवर भी इनकार नहीं कर रहे हैं। दरअसल, बीते महीनों में ही आयकर अधिकारियों को सर्वे के अधिकार दिए हैं। ऐसे में लक्ष्य हासिल करने के लिए सर्वे का सहारा लिया ही जाएगा। इंदौर सीए ब्रांच के पूर्व अध्यक्ष अभय शर्मा के अनुसार इस साल आयकर विभाग के सामने लक्ष्य तो तगड़ा है, लेकिन विभाग को जीएसटी से भी काफी उम्मीदे हैं। दरअसल, जीएसटी का बेस और व्यापारियों का टर्नओवर काफी बढ़ा है। जीएसटी के पोर्टल से रियल टाइम में डाटा आयकर के साथ साझा किया जा रहा है। ऐसे में जीएसटी की सूचनाओं के सहारे आयकर विभाग करदाताओं से बढ़े हुए कर की वसूली करेगा। साथ ही साथ अनरिकर्वड डिमांड पर भी कार्रवाई होगी। ऐसे तमाम प्रकरण है जिनमें विभाग ने कर की मांग निकाली है लेकिन करदाता अपील में चले गए हैं। उन सभी में 20 प्रतिशत राशि और गैर अपील प्रकरणों में पूरा कर जमा करवाने के लिए विभाग अब जोर लगा रहा है।