जयपुर। राजस्थान विधानसभा में बुधवार को हंगामे के बीच 23 मिनट में पांच विधेयक पारित हुए। भाजपा विधायकों ने वैल में आकर लाल डायरी और पार्टी के विधायक मदन दिलावर के निलंबन को समाप्त करने के मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी की। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने विधेयक पारित करवाए। जोशी ने प्रत्येक विधेयक पर मंत्री का नाम पुकारा और पारित करवा दिया। इनमें सबसे महत्वपूर्ण किसान कर्ज राहत आयोग से संबंधित विधेयक है।

विधेयक में प्रावधान किया गया है कि आयोग बनने के बाद कोई भी बैंक या वित्तीय संस्थान किसी भी कारण से किसान की फसल बर्बाद होने की स्थिति में उस पर कर्ज वसूली का दबाव नहीं बना सकेगा। किसान फसल खराब होने पर कर्ज माफी की मांग करते हुए आयोग में आवेदन कर सकेंगे। किसान की अपील के बाद आयोग की बिना अनुमति के बैंक या वित्तीय संस्थान जमीन कुर्क या नीलाम नहीं कर सकेंगे ।

आयोग से सरकार को किसानों के कर्ज माफ करने या सहायता करने के आदेश कभी भी जारी हो सकते हैं। आयोग का अध्यक्ष उच्च न्यायालय का सेवानिवृत न्यायाधीश होगा और पांच सदस्य बनाए जा सकेंगे। आयोग का कार्यकाल तीन साल का होगा। आयोग को न्यायालय जैसेअधिकार होंगे । यदि किसी इलाके में फसल खराब होती है । किसान कर्ज चुका नहीं पाता है तो ऐसी स्थिति में आयोग उस किसान और क्षेत्र को संकटग्रस्त घोषित करने का अधिकार होगा।