केपटाउन । दक्षिण अफ्रीका में विकासशील देशों के ‘ब्रिक्स’ आर्थिक गुट की शुरू हो रही बैठक में रूस और चीन के विदेश मंत्री अपने समकक्षों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ‘ब्रिक्स’ की बैठक की शुरुआत यूक्रेन में युद्ध सहित प्रमुख भू-राजनीतिक मुद्दों पर “विचारों के आदान-प्रदान” से होगी। बैठक से पहले दक्षिण अफ्रीका के राजदूत ने यूक्रेन को पश्चिम की सैन्य सहायता को “संघर्ष को बढ़ावा देने वाली” चीजों में से एक के रूप में संदर्भित किया। यूक्रेन को हथियार हस्तांतरित करने के पश्चिमी “प्रयासों” पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर अनिल सुकलाल से कहा, “संघर्ष को बढ़ावा देने वाले किसी भी प्रयास से समस्या का समाधान नहीं होता है।”सुकलाल ने कहा, “हम किसी भी वैश्विक संघर्ष के बारे में नहीं जानते हैं जिसे युद्ध के माध्यम से हल किया गया हो।” 
उन्होंने कहा, “यह सब अधिक दर्द और पीड़ा का कारण बनता है और ब्रिक्स देशों के रूप में, हम यही कह रहे हैं: आइए संघर्ष को बढ़ावा देने के बजाय चुनौतियों का शांतिपूर्ण समाधान खोजने पर ध्यान दें।” उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों के विदेश मंत्रियों की बृहस्पतिवार की बैठक अगस्त में जोहानिसबर्ग में एक बड़े ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्वगामी है जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को आमंत्रित किया गया है। बता दें कि अधिकांश ब्रिक्स देश युद्ध पर अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों की स्थिति से काफी भिन्न रुख रखते हैं।