पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों देश में भड़क रहे दंगों से ‎परेशान हो रहे हैं। उन्हें दंगों से ‎निपटने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। गौरतलब है ‎कि फ्रांस में पुलिस के हाथों एक किशोर की हत्या के बाद से भड़के दंगे ‎विकराल रुप ले चुके हैं। ये दंगे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए एक बहुत अनचाहे और खतरनाक संकट के तौर पर सामने आए हैं। मैक्रों ने अपने विवादास्पद पेंशन सुधार पर आधे साल तक चले विरोध प्रदर्शन पर आखिरकार किसी तरह से काबू पाया था। जो इस साल के अधिकांश समय फ्रांस के घरेलू एजेंडे पर हावी रहा था। उसी समय ताजा हिंसा भड़क उठी। देश भर की दुकानों में तोड़फोड़ और जलाई गई बसों की तस्वीरें भी मैक्रों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाली साबित हुईं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये दंगे खासकर ऐसे समय में भड़के हैं, जब मैक्रों यूक्रेन पर रूसी हमले को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाना चाहते हैं। वह यूरोप के नंबर एक पावरब्रोकर के रूप में देखे जाने इच्छा रखते हैं। 
राष्ट्रप‎ति मैक्रों को दंगों के कारण जर्मनी की अपनी राजकीय यात्रा रद्द करनी पड़ी थी। जो इस हफ्ते के अंत में शुरू होने वाली थी और यह 23 साल में किसी फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पहली ऐसी यात्रा थी। इससे पहले भी पेंशन सुधार कानून के हिंसक विरोध के कारण मैक्रों ने इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय की राजकीय यात्रा को स्थगित कर दिया था। जो कि सम्राट के रूप में उनकी पहली विदेश यात्रा होती। राजनी‎तिक ‎विशेषज्ञों का मानना है कि ये दंगा राष्ट्रपति के लिए बहुत बुरी खबर है, जो सरकार को फिर से एक्टिव करने और पेंशन संकट से आगे बढ़ने के लिए कैबिनेट फेरबदल के साथ गर्मियों में सरकार को एक सुचारु ढंग से चलाने की उम्मीद कर रहे थे। दुनिया में लोग यह देखकर अचरज में हैं कि कैसे फ्रांस एक के बाद एक तनाव, हिंसा और संकटों का सामना कर रहा है।