नई दिल्ली। मेल इनफर्टिलिटी (Male Infertility) दुनियाभर में चिंता का विषय बना हुआ है। हर 6 में से 1 जोड़े को प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पुराने समय से ही फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं को मुख्य रूप से महिलाओं से जोड़ा गया है। हालांकि, पिछले कुछ समय से इसे लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की जा रही है और लोगों को यह समझाने की कोशिश की जा रही हैं कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी इनफर्टिलिटी का शिकार हो सकते हैं।

हाल ही के एक शोध के अनुसार, 30-50 प्रतिशत मामलों में पुरुष बांझपन यानी इनफर्टिलिटी का शिकार होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए जहां दवाएं उपलब्ध हैं, वहीं प्रजनन क्षमता बढ़ाने के कुछ प्राकृतिक तरीके भी हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फूड्स, जो मेल फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार हैं।

नट्स और सीड्स

नट्स और सीड्स अखरोट ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन ई, सेलेनियम और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो फर्टिलिटी बढ़ाने में मददगार होते हैं। अखरोट स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं, जबकि बादाम में विटामिन ई भारी मात्रा में होता है, जो स्पर्म सेल्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मदद करता हैं। वहीं, कद्दू के बीज में जिंक होता है, जो टेस्टोस्टेरोन प्रोडक्शन और स्पर्म फॉर्मेशन के लिए जरूरी है।

हल्दी

हल्दी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक आम मसाला है, जिसमें करक्यूमिन होता है, जो एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों वाला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्पर्म हेल्थ को लाभ पहुंचा सकता है।

अदरक

एशियाई खाने में इस्तेमाल होने वाला एक और प्रमुख मसाला, अदरक में जिंजरोल होता है, जो एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला एक बायोएक्टिव कंपाउंड है, जो रिप्रोडक्टिव हेल्थ का समर्थन कर सकता है।

ग्रीन टी

ग्रीन टी का चलन इन दिनों लोगों के बीच काफी बढ़ चुका है। आमतौर पर लोग वजन कम करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह कैटेचिन, शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, जो स्पर्म को ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने और स्पर्म क्वालिटी में सुधार करने में मदद कर सकती है।

पत्तेदार सब्जियां

पालक, मेथी और ब्रोकोली जैसी सब्जियां विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं, जो स्पर्म को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने और आपके पूरे रिप्रोडक्टिव हेल्थ में सुधार करने में मदद कर सकती हैं।

लहसुन

भारतीय रसोई में इस्तेमाल होने वाले लहसुन में एलिसिन होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला एक कंपाउंड, जो स्पर्म की क्वालिटी में सुधार करने और ऑक्सीडेटिव डैमेज से बचाने में मदद कर सकता है।