राजस्थान | राजस्थान में मकर संक्रांति का पुण्यकाल रविवार को मनाया जा रहा है, लेकिन सूर्य के उत्तरायण होने और दान-पुण्य के दिन के साथ तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। हिमालय के पहाड़ी इलाकों से पंजाब के रास्ते आ रहीं उत्तरी बर्फीली हवाओं ने राजस्थान में शीतलहर फिर से चला दी है। पूरे उत्तरी भारत के ठंड की चपेट में आने की संभावना है। राजस्थान के 28 शहरों में पाला और शीतलहर की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।राजस्थान के माउंट आबू रविवार सुबह सबसे ठंडा रहा। यहां का तापमान माइनस सात डिग्री दर्ज किया गया।

वहीं फतेहपुर माइनस 4.7 डिग्री तो चूरू में माइनस 2.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। साथ ही धौलपुर, माउंट आबू में भी तापमान शून्य डिग्री से नीचे चला गया है। इन शहरों में खेतों में पाला पड़ गया और बर्फ की चादर देखी गईं। सीकर में 0.5, बीकानेर में 1.2, जैसलमेर में 2.3, टोंक में 2.1, संगरिया हनुमानगढ़ में 1.8, उदयपुर में 2.7 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। खेतों और गाड़ियों पर छत पर बर्फ जमी दिखाई दी।

नलों और पाइपों में भी पानी जम गया।मकर संक्रांति के पर्व पर बादल छंटने और पश्चिम विक्षोभ का असर हटने से खुले मौसम और तेज़ सर्द हवाओं ने कंपकंपी छुड़ा दी है। धौलपुर ज़िले में बीती रात खेतों में पाला पड़ गया। जहां बर्फ की चादर ने सुबह ठिठुरन बढ़ा दी। किसानों को रबी फसली सीजन में आलू और सरसों की फसल में बड़े नुकसान की आशंका है। खेतों के आसपास बिछी बर्फ की चादर धूप निकलने तक दिखाई देती रही। सर्दी से आमजनता के साथ पशु-पक्षी और वन्यजीवों की भी दिनचर्या प्रभावित हुई है। हालांकि किसानों को बेसिक जानकारी देने में कृषि विभाग के इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं।