भोपाल। राजधानी भोपाल के सभी हॉस्पिटल या क्लिनिक पर अब एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) से रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस लेना जरूरी होगा। बिना इसके वे न तो कैंटीन चला सकेंगे और न ही मेस। इसमें फूड विभाग कार्रवाई करेगा। इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपए एवं लाइसेंस के लिए 2000 रुपए की फीस निर्धारित है। पंजीयन एवं लाइसेंस केवल ऑनलाइन ही जारी किए जाते हैं।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने सभी सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल को रजिस्ट्रेशन-लाइसेंस लेने के लिए आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया, खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 31 के अंतर्गत खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से यह लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन लेना जरूरी है। जिले में संचालित ऐसे सभी सरकारी हॉस्पिटल, प्राइवेट नर्सिंग होम जहां मरीजों या परिजनों को खाद्य सामग्री परोसी जाती है, उन्हें रजिट्रेशन कराने के साथ लाइसेंस लेना जरूरी है। लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन न पाए जाने पर अधिनियम में दंड के प्रावधान भी किए गए हैं।
कुछ दिन पहले खाद्य सुरक्षा प्रशासन के कमिश्नर ने इस संबंध में सभी जिलों को निर्देश जारी किए गए थे। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 अंतर्गत खाद्य पदार्थों के निर्माण, विनिर्माण भंडारण, प्रसंस्करण, विक्रय, परिवहन आदि के लिए खाद्य लाइसेंस अथवा पंजीयन लिया जाना अनिवार्य किया गया है। भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जेपी हॉस्पिटल, बंसल हॉस्पिटल, चिरायु मेडिकल कॉलेज, अपोलो सेज हॉस्पिटल, पीपुल्स हॉस्पिटल, सागर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है। अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं को भी रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा।हॉस्पिटल में कैंटीन या मेस संचालित होने के अलावा यदि सील बंद, डब्बा बंद खाद्य सामग्री दी जाती है, तब भी पंजीयन व लाइसेंस लेना जरूरी है। एक साल में 12 लाख से कम की खाद्य सामग्री का विक्रय होने पर पंजीयन एवं 12 लाख से अधिक की खाद्य सामग्री का विक्रय होने पर लाइसेंस जारी किया जाता है।