जोधपुर। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और महिला सम्मान जैसे मुद्दों पर राजस्थान की गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि चुनावी साल आते ही यहां की सरकार लोगों को प्रलोभन देने लगी है। उन्होंने पूछा, आपको सुशासन चाहिए कि प्रलोभन। क्या ऐसी सरकार चाहिए, जिसकी आपकी नीयत और ईमान खरीदेगी? लेकिन आपको ध्यान रखना होगा कि यह सरकार कितने ही लालच दे, आपको अपना जमीर नहीं बेचना है। सिंह ने कहा कि राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने देश को सुशासन का नया पैटर्न दिया है। वे राजस्थान के जोधपुर के शेरगढ़ क्षेत्र में बालेसर में भाजपा महा जनसंपर्क अभियान के तहत विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने समान नागरिक संहिता को लेकर विरोधी लोग हिंदू-मुस्लिम का प्रश्न खड़ा करते हैं। हर चीज को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने पूछा, क्या राजनीति समाज को बांटकर करनी चाहिए? क्या हम देश को साथ लेकर चलने की राजनीति नहीं कर सकते। सिंह ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर हम जो करने जा रहे हैं, वह संविधान के नीति-निर्माताओं ने नीति निर्देशक तत्वों में लिखी है, उसी को लागू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब गरीब देश नहीं रहा। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बातों को गंभीरता से सुना जा रहा है। भारत की अर्थव्यवस्था कई देशों को पछाड़कर आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इसके लिए युगांतकारी भूमिका पीएम मोदी ने निभाई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि यह नया भारत है, जो किसी भी दुश्मन के सामने आंख से आंख मिलाकर खड़ा होता है। वीर सपूतों की इस पावन धरा पर सिंह ने पूर्व सैनिकों और वीर माताओं का जिक्र करते हुए कहा कि देश में सबसे अधिक सैनिक बालेसर, शेरगढ़ की इसी पावन धरा से निकले हैं। यहां के सैनिकों ने भारत की रक्षार्थ अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। ऐसे वीर सपूतों और वीरांगनाओं के हम ऋणी हैं। हम उनको नमन करते हैं।

भ्रष्टाचार कम किया

सिंह ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप थे, लेकिन इस सरकार में किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप की अंगुली नहीं उठा सकता। भ्रष्टाचार को जड़ मूल से समाप्त करने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि भाषण से भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता है लेकिन धीरे-धीरे सिस्टम में सुधार कर इसे कम किया जा सकता है।