डूंगरपुर, बीसीआई की साइट पर यूनिवर्सिटी के कोर्स का नाम नहीं,एलएलबी कर रहे छात्रों के भविष्य पर संशय :ट्राइबल एरिया निजी कॉलेज संगठन ने छात्र हित में उठाया मुद्दा।

संभाग की एकमात्र गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में चल रहे लॉ कोर्स की मान्यता ही नही है,फिर भी यूनिवर्सिटी कैंपस में लॉ कोर्स चला कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। एक और जहां यूनिवर्सिटी नित नए नवाचार का स्वांग सबको दिखा रही है,वही दूसरी और खुद के कैम्पस में चल रहे एलएलबी कोर्स के लिए दो साल गुजरने के बाद भी अभी तक कोर्स को बीसीआई से मान्यता नही मिल सकी है। इससे बेखबर इस कोर्स में प्रवेश ले चुके लॉ स्टूडेंट्स अपने कीमती दो साल भी गुजार चुके है।  इससे यूनिवर्सिटी की कार्यविधि पर भी सवाल खड़ा हो गया है।

बीसीआई की साइट पर यूनिवर्सिटी का नाम ही नही,फिर भी दो साल से छात्रों की परीक्षा करा रही :
गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय जहां एक और संभाग के 163 कॉलेजों में संचालित विभिन्न कोर्स का एफिलेशन करता है और इन कॉलेजों में कोई कमी होने पर नोटिस जारी होता है। वही कई बार अखबारों में इससे जुड़ी खबर का भी प्रकाशन करती है,उसके खुद का एलएलबी का कोर्स ही बीसीआई से अभी मान्यता प्राप्त नहीं है, ना इस एलएलबी कोर्स को मान्यता का कोई दस्तावेज बीसीआई की साइट पर नजर आ रहा है, उसके बाद भी सत्र 2022-23 से प्रथम वर्ष में प्रवेश कर दिए और ये छात्र अब कोर्स के दूसरे साल की परीक्षा के भी नजदीक आ गए है, लेकिन अभी तक मान्यता नही होने से बिना मान्यता की ही प्रथम वर्ष की मार्कशीट भी छात्रों को जारी कर दी गई है। ऐसे में अब दो साल से यहां पढ़ रहे छात्रों के भविष्य पर संशय खड़ा हो गया है।

वन टाइम रजिस्ट्रेशन हो गया है,जल्दी बीसीआई का इंस्पेक्शन होगा, पेनाल्टी  होगी तो भी भरेंगे : रजिस्ट्रार

इधर पूरे मामले पर ट्राइबल एरिया प्राइवेट कॉलेज वेलफेयर सोसाइटी के बैनर तले पचास से ज्यादा निजी कॉलेज के संचालक शुक्रवार को जीजीटीयू के कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रो. लक्ष्मण परमार के पास पहुंचे और इस मुद्दे को उठाया। जिस पर उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी द्वारा वन टाइम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूर्व में की गई है,और जल्द ही बीसीआई द्वारा शेष प्रक्रिया पूरी की जायेगी। जिस पर संगठन के सचिव शरद जोशी ने जब उनसे वर्तमान में बीसीआई की मान्यता होने का सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में मान्यता नही है,लेकिन जल्द मिल जाए इसके लिए प्रक्रिया जारी है। साथ ही बीसीआई की पेनल्टी जमा कराने की बात भी कही । इस दौरान रजिस्ट्रार कक्ष में उपस्थित प्रो. राकेश डामोर ने भी उपस्थित कॉलेज संचालकों को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए जल्द बीसीआई की प्रक्रिया पूर्ण करने का भरोसा दिया।

एलएलबी के लिए बीसीआई की मान्यता पहले साल से जरूरी,इसके बिना एलएलबी कर रहे छात्र का रजिस्ट्रेशन नही:
बार काउंसिल ऑफ इंडिया पूरे देश की एकमात्र नियामक संस्था है जो पूरे देश भर में कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में संचालित एलएलबी कोर्स को मान्यता देती है, और साथ ही सभी जरूरी मापदंड पूर्ण करने के बाद बीसीआई  की टीम निरीक्षण करती है और उसमे संतुष्ट होने पर ही किसी संस्थान को लॉ कोर्स की अनुमति मिलती है। लेकिन यहां यूनिवर्सिटी की लापरवाही के चलते समय पर प्रक्रिया पूरी नही हो सकी और बिना प्रक्रिया पूरे हुए और आधिकारिक मान्यता के ही कोर्स को दो साल पूर्व शुरु भी कर दिया गया और प्रथम वर्ष की मार्कशीट भी बांट दी गई है। ऐसे में वर्तमान में यहां से एलएलबी कर रहे प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के 120 छात्रों के माथे पर चिंता की लकीरें छा गई है।

यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों की साख पर होगा असर : शरद जोशी 
इधर कॉलेज संचालकों के साथ पहुंचे निजी कॉलेज संगठन अध्यक्ष डॉ. जयदीप सिंह राठौड़ और सचिव डॉ. शरद जोशी सहित अन्य ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बीसीआई के कोर्स की मान्यता नही होने का मामला जब आमजन तक पहुंचेगा तो इसका असर सभी कॉलेजों में संचालित अन्य कोर्स के अध्ययनरत छात्रों की मानसिकता पर भी पड़ेगा,इससे अन्य स्थानों पर जब छात्र पढ़ने जायेगा तो उसके कोर्स को भी संदेह से देखा जायेगा,इसी मुद्दे को आज यहां रजिस्ट्रार के समक्ष उठाया है।