नई दिल्ली । भारत और दुनिया भर के 50 करोड़ बौद्धअनुआइयों को आकर्षित करने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन मंत्रालय को पाल्सी में परिवर्तन करनेकरने के निर्देश दिए गए हैं। भारत के बुद्धिस्ट सर्किट को वैश्विक बौद्ध स्थलों की तर्ज पर विकसित किए जाने के लिए, योजना बनाने के लिए कहा गया है। सारी दुनिया के बौद्ध टूरिस्ट चार्टर्ड प्लेन एवं नियमित हवाई यात्रा से देश के अन्य टूरिस्ट प्लेस में भी जा सकें। भारतीय चार्टर्ड नियमों के अनुसार अभी केवल उन्हें अपने गंतव्य स्थान तक जाने की इजाजत दी जाती है। बौद्ध देशों में चीन, थाईलैंड, जापान, म्यांमार के बुद्ध समुदाय के भारत में सीधे भारतीय बुद्ध सर्किट में आकर यहां की एयर कनेक्टिविटी के साथ जुड़कर तथा लग्जरी और प्रीमियम ट्रेन की सहायता से बौद्ध सर्किट में यात्रा कर सकें। बौद्ध मंदिरों,स्मारकों, शिलालेख, और स्तंभ लेखों के बारे में जान सकें। इसके लिए चीनी भाषा मंडारिन। कैंटोनीज,जापान और थाई भाषाओं में जानकारी के बोर्ड भी लगाए जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। 
भारत में बौद्ध समुदाय के लोग बहुत बड़ी संख्या में रहते हैं। भारत में इनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। लेकिन चुनाव को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी संख्या है। बुद्धिस्ट सर्किट बनाकर सरकार बौद्ध समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है। इसके लिए पर्यटन मंत्रालय को समय सीमा के अंदर बदलाव करने के निर्देश दिए गए हैं।