भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार के ऊपर तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो गया है। कर्ज और विकास कार्यों के लिए धन जुटाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार सरकारी संपत्तियों का विक्रय लगातार कर रही है। पिछले 2 वर्षों में सरकार ने 600 करोड़ रुपए की संपत्तियों को बेचा है।सरकार का मानना है, कि जिन संपत्तियों को उपयोग नहीं हो रहा है। उन्हें बेचकर प्राप्त राशि का उपयोग कर्ज और विकास कार्यों में  किया जाए।
सरकार ने 131 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां बेचने की तैयारी की है। इसमें पिपरिया का वेयरहाउस, कटनी का ब्लॉक 3, ट्रैक्टर स्कीम इटारसी, छतरपुर के नौगांव की संपत्तियां, धार का बस डिपो, ग्वालियर की 3 सरकारी संपत्तियाँ, उत्तर प्रदेश झांसी का परिवहन डिपो, भोपाल की प्राइम लोकेशन पर स्थित आरटीओ कार्यालय, मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम की संपत्ति, एवं राज्य शासन की जिले में स्थित अनुपयोगी परिसंपत्तियों की नीलामी और विक्रय के प्रस्ताव मंगाए जा रहे हैं।
मध्य प्रदेश में शासकीय संपत्तियों जिनका वर्तमान स्थिति में उपयोग नहीं हो रहा है।उन्हें चिन्हित कर सभी जिलों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। लोक परसंपत्ति प्रबंधन विभाग इन संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें नीलाम करने की कार्रवाई करता है। सरकार अब संपत्तियां बेचकर राज्य सरकार की आय बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत है।