जयपुर । सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित राजस्थान सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएं लोक जीवन में इन्द्रधनुषी रंग भर रही है। आम जन को सुशासन एवं तरक्की की राह देने के लिए समर्पित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा पर संचालित हो रही इन योजनाओं ने आम जन की जिन्दगी में उजाले भर आत्मविश्वास जगाया है।
जोधपुर की नन्हीं कविता के साथ नियति ने कहर ढाया, किन्तु राज्य सरकार की योजनाओं से मिले सम्बल ने उसकी जिन्दगी को सुनहरे पंखों से सजाते हुए रोजमर्रा की जिन्दगी को आसान बना दिया। उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह फिर से अपने सपनों को पंख लगा अपनी जिंदगी को फिर से नई दिशा दे पाएगी। जीवन की कठिनाइयों से मुकाबला करते हुए जिजीविषा और अदम्य आत्मविश्वास से भरी कविता ने संघर्षों पर जीत हासिल की और कामयाबी की राह पायी।  दो साल पहले रेल दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा चुकी नन्ही कविता के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चलाये गए प्रशासन गांवों के संग अभियान ने जीवन की दशा और दिशा ही बदल दी।  कविता के लिए जोधपुर के धुंधाड़ा गांव में लगा प्रशासन गांवों के संग अभियान का फॉलोअप शिविर आशाओं के द्वार खोलने वाला रहा। उपखण्ड अधिकारी लूणी गोपाल परिहार की नजऱ जब अपने पिता के साथ बैसाखी के सहारे शिविर में आयी इस छोटी सी बच्ची पर पड़ी तो उन्होंने सारी जानकारी एकत्र कर शिविर में ही संबंधित विभागों के माध्यम से कविता का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाया तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा दिव्यांग पेंशन की स्वीकृति भी हाथों हाथ करवाई। उपखण्ड अधिकारी के माध्यम से नन्हीं कविता के बारे में जानकारी पाकर जिला कलेक्टर श्री हिमांशु गुप्ता के निर्देशानुसार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग लूणी द्वारा कविता को अध्ययन के लिए आने-जाने हेतु एक ट्राई साइकिल भी प्रदान की गई। जिला प्रशासन के प्रयासों से कविता को भगवान महावीर विकलांग समिति के द्वारा कृत्रिम पैर भी लगाया गया।  राज्य सरकार नेे संवेदनशीलता के साथ कविता को अपनी योजनाओं से जोड़कर लाभान्वित किया।