हसौद ।   नारायणपुर जिले में नक्सलियों के द्वारा बुधवार को किए गए एलइडी विस्फोट में हसौद का लाल बलिदान हो गया। इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 9 वीं बटालियन में पदस्थ कांस्टेबल हसौद निवासी कमलेश साहू बलिदान हो गया। बेटे की मौत की खबर सुनकर स्वजन का जहां रो रोकर बुरा हाल है। वहीं गांव में भी शोक की लहर है। बड़ी संख्या में ग्रामीण जवान के घर पहुंचे और उनके स्वजन को ढांढस बंधाया। गुरूवार को कमलेश का पार्थिव शरीर गृहग्राम हसौद लाया जाएगा जहां ससम्मान के साथ उसे अंतिम विदाई दी जाएगी। जानकारी के अनुसार नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर पुलिस थाने की सीमा के अंतर्गत आमदई खदान में बुधवार को जवान गश्त पर निकले थे। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा सुरक्षाकर्मियों की एक टीम पर हमला किया गया। इस दौरान नक्सलियों ने एलईडी विस्फोट किया और सुरक्षाकर्मियों पर गोलीबारी की, जिसके बाद जवानों की तरफ से भी जवाबी कार्रवाई की गई। एल ईडी विस्फोट की चपेट में आने से सक्ती जिले के हसौद निवासी कमलेश साहू बलिदान हो गए। वहीं एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। जवान कमलेश साहू की पदस्थापना 2018 में जगदलपुर में हुई थी और वर्तमान में वे नारायणपुर के छोटे डोंगर थाना में पदस्थ थे। बेटे की मौत की खबर सुनकर स्वजन का जहां रो रोकर बुरा हाल है। वहीं गांव में भी शोक की लहर है।

कलेक्टर - एसपी पहुंचे सांत्वना देने

नक्सली हमले में कमलेश के बलिदान होने की खबर मिलने पर कलेक्टर नुपूर राशि पन्न, एसपी एमआर आहिरे, हसौद तहसीलदार भीष्म पटेल, थाना प्रभारी केसी मोहले, सरपंच पति मनबोध साहू और क्षेत्र के आम लोगों के साथ जनप्रतिनिधि और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उनके घर पहुंचे और स्वजन को ढांढस बंधाया।

दो भाइ व एक बहन में बड़ा था कमलेश

कमलेश के परिवार में उसे मिलाकर कुल 6 सदस्य थे। इनके पिता मंगेश्व साहू गांव में कृषि कार्य करते है और माता तारा बाई साहू मितानिन है। दो भाई और एक बहन में कमलेश सबसे बड़ा था। नक्सली हमले में घर का बड़ा बेटा बलिदान हो गया।

डेढ़ साल पहले हुई थी शादी

डेढ़ साल पहले कमलेश की शादी वृंदा साहू से हुई थी। अभी उनका कोई बच्चा नहीं है। कमलेश की प्रारंभिक शिक्षा कक्षा पहली से 12 वीं तक की पढाई शास उच्च माध्य विद्यालय हसौद में हुई थी। शासकीय नवीन कालेज से बीएससी में स्नातक पूर्ण किया। इसके बाद देश की सेवा करने के लिए छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 9 वीं बटालियन में भर्ती हुए।