जयपुर। राजस्थान में मानसून की झमाझम बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। ट्रफ लाइन भी राजस्थान के दक्षिणी भागों से होकर जा रही है। इससे अगले तीन दिनों तक राज्य के दक्षिणी भागों में मानसून विशेष रूप से सक्रिय रहेगा। इस दौरान राजस्थान के जोधपुर, कोटा, अजमेर और उदयपुर संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। वहीं कहीं-कहीं भारी बारिश होने की भी प्रबल संभावना है।
  जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक इनके अलावा भरतपुर, जयपुर और बीकानेर संभाग के जिलों में भी कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश का दौर जारी रहेगा। 27 जुलाई से मानसून की ट्रफ लाइन धीरे-धीरे उत्तर की ओर शिफ्ट होने लगेगी। इससे बारिश की गतिविधियां राज्य के उत्तरी भागों की ओर शिफ्ट होने की प्रबल संभावना है।
निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि राजस्थान में रविवार को सुबह तक बीते 24 घंटों में सवाई माधोपुर, प्रतापगढ़ और टोंक जिलों में भारी से अति भारी बारिश दर्ज की गई है। अजमेर, बूंदी, राजसमंद, प्रतापगढ़, झालावाड़, बांसवाड़ा, पाली और बाड़मेर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि में राजस्थान में सर्वाधिक बारिश पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर में स्थित धीलबांध पर 176 मिलीमीटर दर्ज की गई है। जबकि पश्चिमी राजस्थान में सर्वाधिक 112 एमएम बारिश पाली के जैतारण में हुई है।
  मानसून की बारिश के कारण चारों तरफ से हो रही पानी की आवक के चलते टोंक में बनास नदी में बहाव तेज हो गया है। इससे गहलोद घाट की सड़क टूट गई। इसके कारण जिला मुख्यालय से तीन तहसीलों का संपर्क टूट गया। हालात पर नजर रखने के लिये पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात की गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण टोंक के बीसलपुर बांध में पानी की अच्छी आवक हो रही है। रविवार को बांध का जलस्तर 309.68 आरएल मीटर तक पहुंच गया है।
  वहीं कोटा के ग्रामीण इलाकों में लगातार हो रही बारिश अब मुसीबत बनने लग गई है। कोटा के इटावा के नारायणपुरा गांव का सभी स्थानों से संपर्क कट गया है। यहां एक तरफ नोनेरा-नारायणपुरा के बीच एनीकट की पुलिया पर पानी आ गया है वहीं दूसरी ओर कालीसिंध नदी उफान पर है। कोटा संभाग के बूंदी जिले में बारिश से पानी की आवक होने से पांच बांध लबालब हो गये हैं। गुढा, बरधा, चांदा, अभयपुरा और पाईबालापुरा में बांधों पर चादर चल रही है।