अलवर। अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराने हिंदू मंदिर को ध्वस्त करने से हिंदू संगठन नाराज हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस मंदिर को तोड़ा गया है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने मंदिर को ध्वस्त करने, मूर्तियों पर जूते  चढ़ने और मूर्तियों को आरी से काटने पर तीव्र आक्रोश व्यक्त किया है। मांग की गई है कि मंदिर का पुनर्निर्माण राजस्थान सरकार नहीं करवाती है तो उसे भंग करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
  फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं राष्ट्रवादी शिवसेना सुप्रीमो जय भगवान गोयल ने राजगढ़ की इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करते हुए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेकुलरिज्म है। कांग्रेस एक संप्रदाय विशेष को खुश करने के लिए कभी राम मंदिर का विरोध करती है और कभी जानबूझकर राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। चुनाव के समय यही कांग्रेसी माथे पर तिलक लगाकर जनेऊ धारण करके हिंदू होने का ढोंग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सांसद दिग्विजय सिंह हिंदुओं का विरोध सार्वजनिक मंचों पर करते नजर आते हैं, जबकि कपिल सिब्बल जैसे नेता सर्वोच्च न्यायालय में हिंदू विरोध का कोई मौका नहीं जाने देते।
गोयल ने कहा कि पहले कोरोली में हिंदुओं के घरों और दुकानों को लूटने व जलाने की खुली छूट दी गई। विगत 18 अप्रैल को ही राजगढ़ में हिंदुओं के पक्के बने 85 मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया। इसके विपरीत कांग्रेसी भारत में मुसलमानों पर अत्याचार का झूठा ढिंढोरा पीट कर देश- विदेश में भारत की छवि धूमिल करने में लगी है। गोयल ने केंद्र सरकार से अपील की कि यदि मंदिर का पुनर्निर्माण राजस्थान सरकार नहीं करवाती तो उसे भंग करके राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।