जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसे ही बजट पढऩा शुरू किया तो उन्होने 8 मिनट तक पुराना बजट पढ़ दिया इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सवाल उठाते हुए कहा कि पहली बात तो यह पुराना बजट पढ़ा गया दूसरी यह है कि मुख्य सचेतक जोशी को कैसे पता लग गया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पुराना बजट पढ़ रहे है इससे तो यही होता है कि बजट लीक हो गया है यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आठ मिनट तक पुराना भाषण पढ़ रहे थे कि तो मुख्य सचेतक महेश जोशी ने उनके कान में आकर कुछ कहा उसके बाद अशोक गहलोत ने बजट घोषणा पढऩा बंद किया।
गलत पढ़ा गया पैराग्राफ :- मुख्यमंत्री ने ठीक 11 बजे बजट भाषण पढ़ते हुए कहा कि इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी की घोषणा करता हूं। शहरी क्षेत्रों में भी 100 दिन का रोजगार मिलेगा. इस पर प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मनरेगा योजना में 100 दिन के रोजगार को राज्य सरकार के खर्चे पर बढ़ाते हुए 125 दिन करने की घोषणा। इस पर 750 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सीएम गहलोत ने कहा- 1.18 करोड़...फिर गहलोत अटक गए तो बीजेपी नेताओं ने शेम शेम कहा। इस दौरान प्रतिपक्ष के सभी माननीय आसन के सामने नारेबाजी करने लगे नारो में पेपर लीक, बजट लीक वाली सरकार लोकतंत्र का अपमान कर रही है इस दौरान विधानसभा सीपी जोशी ने सभी विपक्ष के सदस्यों को विपक्ष के सदस्यों को समझाने की कोशिश की पर वो नहीं माने सदन को 2 बार के लिए स्थगित कर दिया गया। प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री से माफी मांगने पर अड़ा रहा इससे पहले आसन ने मानवीय भूल का हवाला देते हुए प्रतिपक्ष को मानवीय भूल का अहसास दिलाया पर वो नहीं माने मुख्यमंत्री माफी मांगे की बात पर अडे रहे, तीसरी बाद जैसे  ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई मुख्यमंत्री ने कहा कि मै स्वयं फील करने लगा था कि बजट का पन्ना कहा से आ गया प्रतिपक्ष को विश्वास दिलाया कि आप सबको वहीं बजट दिया जायेगा वो बजट हम पढ़ रहे है यह बीच का पन्ना है जिसे मै सॉरी फील कर रहा हूं।
अधिकारियों पर हो सकती है कार्यवाही :- हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट बनाने वाली प्रशासनिक टीम का सदन में ही बचाव करते हुए कहाकि सप्ताह भर से बजट बनाने में लगी टीम की गलती हो सकती है मै मानता हूं पर दिनरात काम करने वाले अधिकारियों की गलती को सीधे तौर पर गलती नहीं ठहराई जा सकती कुछ लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री की आज जो सदन में गुड गवर्नेस की पॉल खूली उससे वे बहुत बाहत है ऐसे में माना जा रहा है कि उन अधिकारियों पर सीधे कार्यवाही की जा सकती है।