माननीयों ने विकास कार्यों के लिए खोले हाथ
भोपाल । विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही माननीय सक्रिय हो गए हैं। वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों में खर्च करने में कंजूसी नहीं बरत रहे हैं। सडक़, नाली, सामुदायिक और स्कूल भवनों के लिए राशि जारी कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 70 प्रतिशत राशि के प्रस्ताव बन गए। इनमें से 48 प्रतिशत कार्य स्वीकृत हो गए हैं। विधायक अपने-अपने क्षेत्र में लोगों से मिल रहे हैं। मतदाता अपने क्षेत्र में कोई विकास कार्य कराना चाहते हैं तो उसमें तत्काल अपनी सहमति दे रहे हैं। तीन विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां विकास कार्यों के लिए 80 प्रतिशत राशि को मंजूरी मिल गई है।
माननीयों की योजना है कि अगस्त-सितंबर तक सभी विकास कार्य शुरू हो जाएं, ताकि उनके पास दिखाने के लिए काम हों। इसके बाद वे पूरा समय कैम्पेनिंग पर देंगे। जिन माननीयों को दोबारा टिकट मिलने संभावना समझ आ रही है, उन्होंने चुनावी रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है। स्वेच्छानुदान में भी खोले हाथ माननीय विकास कार्यों के साथ स्वेच्छानुदान राशि खर्च करने में भी हाथ खोल रहे हैं। पहले तीन माह में इस मद से काफी राशि का आवंटन हो चुका है। अभी विधायकों को 50 लाख रुपए स्वेच्छानुदान राशि मिलती है। 25 लाख रुपए और बढ़ रहे हैं। ऐसे में 75 लाख रुपए वे इस मद में खर्च कर सकते हैं। जुलाई के पहले पखवाड़े तक 60 प्रतिशत राशि का आवंटन इस निधि से किया गया है।
सांसदों की जेब खाली
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदेश सरकार ने विधायकों की स्वेच्छानुदान राशि बढ़ा दी है। ऐसे में मंत्री और विधायकों का बटुआ भरा हुआ है। वहीं सांसदों की जेब फिलहाल तंग है। वर्ष 2022-23 में सांसद निधि के नाम पर केवल पहली किस्त ही मिली है। वहीं इस सत्र के भी चार माह गुजर गए हैं, लेकिन अब तक राशि प्राप्त नहीं हुई है। सांसदों की अनुशंसाएं पूरी करने के लिए फिलहाल फंड ही नहीं है, इसलिए पेंडेंसी में पड़ी हैं जब फंड आएगा तभी सांसद लोगों की सहायता कर पाएंगे। लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 245 सांसद हैं। प्रत्येक सांसद की 5 करोड़ की निधि होती है। जिसका उपयोग वह संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए कर सकते हैं। वर्ष 2022-23 में ग्वालियर चंबल अंचल के सभी सांसदों को सांसद निधि की प्रथम किस्त के रूप में 2.50 करोड़ रुपए मिल गए थे। सभी की निधि खत्म हो चुकी है, अब अनुशंसाएं पेंडेंसी में है। सांसद निधि सीधे खाते में आती थी। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए सखी पोर्टल बना दिया है। अब पोर्टल के माध्यम से ही राशि आवंटित होगी। पोर्टल पर सांसदों की राशि एवं अनुशंसाए अपडेट दिखाई दे रही है। अब विभागीय अफसरों को पोर्टल पर काम का प्रशिक्षण दिया जाना है। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 अगस्त के आसपास भोपाल में आयोजित होगा।
विधायकों की बढ़ी स्वेच्छानुदान राशि
प्रदेश सरकार ने विधायकों को मिलने वाली स्वेच्छानुदान राशि 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख कर दी है। साथ ही किसी व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान करने की सीमा भी 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी है। इसके आदेश सभी जिलों में पहुंच चुके हैं। विधायक यदि मंत्री हैं तो उनकी स्वेच्छानुदान राशि करोड़ अलग से होती है और राज्यमंत्री की 60 लाख रुपए तक होती है। गौरतलब है कि विधायकों को मिलने वाली निधि में 2.50 करोड़ क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए मिलते हैं। वहीं 50 लाख से बढ़ाकर स्वेच्छानुदान निधि 75 लाख कर दी गई है। विधायक 25 हजार एक व्यक्ति को अधिकतम आर्थिक सहायता दे सकेंगे। वहीं मंत्रियों को मिलने वाली निधि में 1 करोड़ स्वेच्छानुदान राशि कैबिनेट मंत्रियों को, 60 लाख स्वेच्छानुदान राशि राज्यमंत्रियों को मिलती है। वे 40 हजार रुपए अधिकतम एक व्यक्ति को आर्थिक मदद दे सकते हैं। जबकि सांसदों को मिलने वाली निधि में 5 करोड़ की सासद निधि और 25 लाख स्वेच्छानुदान राशि मिलती है। सांख्यिकी अधिकारियों का कहना है कि एक अप्रैल से साक्षी पोर्टल के माध्यम से ही सांसद निधि आवंटन का निर्णय लिया गया है। 2022-23 में प्रथम किस्त के रूप में 2.50 करोड़ आए थे। इसके बाद कोई किस्त नहीं आई ग्वालियर में फिर भी राशि ज्यादा आई है, अन्य जगह और कम आई थी। पोर्टल पर राशि और अनुशंसाएं अपडेट हो चुकी हैं। अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भोपाल में ट्रेनिंग होना है, इसके बाद अनुशंसाओं की पेंडेंसी खत्म हो जाएगी। ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर का कहना है कि केवल ग्वालियर ही नहीं सभी सांसदों की निधि अभी नहीं आई है। दरअसल सिस्टम में कुछ बदलाव हुआ है. अब निधि पोर्टल के माध्यम से आएगी। इसी वजह से कुछ समय लग रहा है। हमें इस संबंध में जानकारी दी गई थी।