जयपुर । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने स्वास्थ्य भवन में वीसी के माध्यम से मौसमी बीमारियों की रोकथाम, कोविड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में निर्देश दिए हैं कि मौसमी बीमारियों एवं कोविड की व्यापक सैंपलिंग की जाए।
उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी और जुकाम के मरीजों की भी कोविड की जांच की जाए। मलेरिया, चिकनगुनिया एवं डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए एन्टीलार्वा गतिविधियां व्यापक स्तर पर सुनिश्चित की जाए तथा आमजन को सूखा दिवस (प्रत्येक रविवार) के प्रति जागरूक किया जाए कि घर के आसपास एवं घर की टंकी, कूलर, टायर आदि में जमा पानी को खाली करें। उन्होंने कहा कि आशा, एएनएम एवं अन्य फील्ड स्टॉफ घर-घर जाकर सैंपलिंग करें तथा ब्लड सैंपल लेकर सही रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि किसी भी पॉजिटिव रिपोर्ट को छुपाए नहीं। चिकित्सा विभाग हर बीमारी से लडऩे के लिए और प्रदेशवासियों को स्वस्थ रखने के लिए पूर्णत: सुदृढ है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोविड के केस बढ रहे है, जबकि दूसरी तरफ कई जिलों में कोविड की सैंपलिंग काफी कम है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में कम से कम 1000 कोविड सैपलिंग प्रतिदिन होनी चाहिए तथा जिन जिलों में कोविड पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है वहां सैंपलिंग और अधिक होनी चाहिए।  चिकित्सा मंत्री ने कहा कि चिकित्सालयों में चर्म एवं रति रोग, मेडिसिन एवं शिशु रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले रोगियों, हाईरिस्क समूहों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। यदि मंकीपाक्स का कोई संदिग्ध केस मिले तो उसकी तत्काल सैपलिंग करवायी जाए। इसके साथ ही संदिग्ध मरीज की पिछले 21 दिन की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर सभी को आईसोलेट करवाना सुनिश्चित करवायें।