जयपुर । जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की प्रवर्तन शाखा ने हालिया प्रश्नपत्र लीक प्रकरण के एक आरोपी भूपेंद्र सारण के जयपुर स्थित घर में किये गये कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इससे पहले जेडीए अपीलीय न्यायाधिकरण ने सारण की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने मकान में अतिक्रमण को अपने स्तर पर हटाने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। इसके बाद जेडीए ने शाम को अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की। उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन शाखा ने सोमवार को उस पांच मंजिला इमारत को सोमवार को ढहा दिया था जिसमें हालिया पेपर लीक प्रकरण के आरोपियों का कोचिंग सेंटर चल रहा था। 
वहीं प्रवर्तन शाखा ने अजमेर रोड के रजनी विहार में 141 वर्ग गज के भूखंड पर बने सारण के मकान का निरीक्षण किया तो पाया कि आगे और पीछे क्रमशः 15 फुट और 8.3 फुट के सेटबैक को कवर कर निर्माण किया गया था। चार मंजिला इमारत की ऊंचाई भी तय सीमा आठ मीटर से ज्यादा पाई गई। शाखा ने 11 जनवरी की शाम पांच बजे तक मकान के गेट पर अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा कर दिया था। 
आरोपी सारण की पत्नी ने जेडीए की कार्रवाई से राहत दिलाने के लिए न्यायाधिकरण में याचिका दायर की थी। आरोपी पक्ष उच्च न्यायालय भी गया लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। 
न्यायाधिकरण ने शुक्रवार को याचिका खारिज करते हुए जेडीए की प्रवर्तन शाखा को अवैध अतिक्रमण को गिराने की मंजूरी दी। न्यायाधिकरण ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कार्रवाई में वैध निर्माण को नुकसान न पहुंचे।
इस मामले में एक स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश विश्नोई एमबीबीएस छात्र भजनलाल और रायता राम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि आरोपी भूपेंद्र सारण व सुरेश ढाका अभी पकड़ से बाहर हैं।