मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम निवास पर मंगलवार दोपहर एक बजे से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक बुलाई है। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की नौ अगस्त को होने वाली जनसभा से पहले हो रही इस बैठक में एससी-एसटी की सुरक्षा, संरक्षण और आर्थिक मदद को लेकर अहम निर्णय लिए जा सकते हैं। राज्य सरकार ने बताया कि SC-ST के मामलों में राजस्थान में बेहतर कार्रवाई हो रही है। SC के प्रकरणों में राजस्थान में कन्विक्शन रेट 42 प्रतिशत है, जबकि समस्त भारत का औसत 36 प्रतिशत है। इसी तरह ST के प्रकरणों में कन्विक्शन रेट 45 फीसदी है, जबकि समस्त भारत का औसत 28 प्रतिशत ही है। SC-ST के मामलों में सरकार की संवेदनशीलता से कन्विक्शन रेट सर्वाधिक है।

SC-ST के खिलाफ अपराध के दर्ज मुकदमों में चार फीसदी की कमी

अभी तक साल 2023 में पिछले साल के मुकाबले SC-ST के खिलाफ अपराध के दर्ज मुकदमों में चार फीसदी की कमी आई है। FIR के अनिवार्य पंजीकरण नीति से भी SC-ST वर्ग को बड़ी राहत मिली है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015 में SC-ST एक्ट के करीब 51 फीसदी मामले अदालत के माध्यम से CRPC 156(3) से दर्ज होते थे, अब यह महज 10 फीसदी रह गए हैं। सीएम अशोक गहलोत के निर्देश हैं कि एससी-एसटी समेत सभी वर्गों को न्याय संवेदनशीलता के साथ जल्द मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। पुलिस की कार्रवाई से SC-ST वर्ग को न्याय दिलवाने पर सरकार पूरा फोकस रखकर चल रही है।