बाड़मेर। राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले के समदड़ी कस्बे में एक पुजारी ने मंदिर परिसर में ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलने पर समदड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पुजारी के शव को फंदे से नीचे उतरवाकर समदड़ी अस्पताल की मॉर्चरी में रखवाया है। बताया जा रहा है कि पुजारी के 3 पीढ़ियों से परिवार के लोग मंदिर में काम कर रहे हैं। बीते सोमवार को समदड़ी कस्बे के रघुनाथ महाराज व हिंगलाज माता मंदिर में 7 किलो चांदी व दानपात्र से 10,000 से अधिक राशि के चोरी होने के मामले में समाज के लोगों ने पुजारी को आरोपी करार दे दिया।  जिससे आहत होकर पुजारी ने एक सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली है।
  जानकारी के अनुसार 55 वर्षीय भीमदास समदड़ी कस्बे के रघुनाथ राम महाराज व हिंगलाज माता मंदिर में पूजा अर्चना करते थे। पुजारी ने सुसाइड नोट में अपने ऊपर लगे चोरी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें समाज ने बदनाम कर दिया है, वह चोर नहीं हैं। जिसकी वजह से वह आत्महत्या कर रहा है। फिलहाल पुलिस ने मृतक के भाई द्वारकादास की रिपोर्ट के आधार पर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
  वहीं चोरी के मामले में पुजारी से भी गहनता से पूछताछ की गई है। जिसके बाद से ही पुजारी परेशान था। पुलिस को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार 5 नामजद सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दी गई है। मृतक के भाई द्वारकादास के मुताबिक नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई कर उचित मुआवजा देने की मांग की है।
  पुजारी भीमदास ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था। सुसाइड नोट में पुजारी ने लिखा कि मैं जीना चाहता हूं, लेकिन मुझे बदनाम किया जा रहा है। मैंने चोरी नहीं की है। जो भी चोर है आप उसका पता लगाना, मरते समय झूठ नहीं बोल रहा हूं, मेरे पीछे किसी को परेशान मत करना, मेरे बेटे ‘मैं मरना नहीं चाहता हूं’ लेकिन मुझे बदनाम कर दिया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है।