नई दिल्ली । प्रधानमंत्री ने भारत की अर्थव्यवस्था को सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था करार ‎दिया है। भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए उन्होंने बुधवार को ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी, 2023 को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि कई वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है और इससे साबित होता है कि लोकतंत्र अच्छा कर सकता है। मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार की हर पहल भारत के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है।प्रधानमंत्री मोदी लोकतंत्र शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। इसकी सह-मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स, जाम्बिया के राष्ट्रपति हाकाइंडे हिचिलेमा, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने की।
सम्मेलन का आयोजन दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति यून-सुक-योल ने किया है। सम्‍मेलन का उद्देश्‍य लोकतंत्र को अधिक जवाबदेह और लचीला बनाना तथा वैश्विक लोकतांत्रिक प्रणाली को नया रूप देने के लिए साझेदारी का वातावरण तैयार करना है। सम्‍मेलन में मुख्‍य तीन बिन्‍दुओं पर विचार-विमर्श लक्ष्य ‎‎निधा‎रित है। उनमें ये हैं- लोकतंत्र को मजबूत करना और अधिनायकवाद से बचाना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई तथा मानवाधिकारों के प्रति सम्‍मान। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि निर्वाचित नेताओं का विचार दुनिया के बाकी हिस्सों से बहुत पहले प्राचीन भारत में एक आम बात था। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा महाकाव्य महाभारत नागरिकों के पहले कर्तव्य का वर्णन करता है कि वे अपना नेता चुनते हैं। हमारे पवित्र वेदों में व्यापक आधार वाले सलाहकार निकायों द्वारा राजनीतिक शक्ति का प्रयोग किए जाने की बात कही गई है। 
पीएम ने कहा ‎कि भारत में हमारा मार्गदर्शक दर्शन सबका साथ, सबका विकास है, जिसका अर्थ है समावेशी विकास के लिए मिलकर प्रयास करना। चाहे जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से जलवायु परिवर्तन से लड़ने का भारत का प्रयास हो, वितरित भंडारण के माध्यम से जल संरक्षण हो या सभी को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन प्रदान करना हो, हर पहल यहां के नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संचालित होती है।