भारतीय महिला टीम ने शुक्रवार को सेलांगोर में हॉन्गकॉन्ग को 3-0 से हराकर बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बनाई, जबकि पुरुष टीम को जापान से 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। मंगलवार को चीन को हराकर ग्रुप डब्ल्यू में शीर्ष पर रहने वाली भारतीय महिला टीम ने क्वार्टर फाइनल ड्रॉ का फायदा उठाया। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ने फ्रंट से लीड किया।

सिंधू की जबरदस्त वापसी

चोट के कारण लंबे समय बाद वापसी कर रही सिंधू ने लो सिन यान हैप्पी के खिलाफ मजबूत शुरुआत की, लेकिन दूसरे गेम में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, तीसरे गेम में सिंधू ने जबरदस्त वापसी करते हुए मैच अपने नाम किया। सिंधू ने पहला मैच 21-7, 16-21, 21-12 से जीता और भारत को बढ़त दिला दी।

तनीषा-पोनप्पा का शानदार प्रदर्शन

इसके बाद शानदार फॉर्म में चल रही तनीषा क्रैस्टो और अश्विनी पोनप्पा की महिला युगल जोड़ी ने येयुंग नगा टिंग और येयुंग पुई लाम की दुनिया की नंबर 18 जोड़ी को 21-10, 21-14 से हराकर भारत को सेमीफाइनल के करीब पहुंचा दिया।

सेमीफाइनल में जापान से सामना

अश्मिता चालिहा ने इसके बाद क्वार्टर फाइनल में येयुंग सुम यी को 21-12, 21-13 से हराया और टीम इंडिया (महिला) की जगह सेमीफाइनल में पक्की कर दी। पदक पक्का करने के बाद अब भारत का सामना शीर्ष वरीय जापान से होगा जिसने अन्य क्वार्टरफाइनल में चीन को 3-2 से हराया।

भारतीय पुरुष टीम को निराशा हाथ लगी

हालांकि, पुरुषों में भारतीय टीम को निराशा हाथ लगी। दो बार के पूर्व विश्व चैंपियन केंटो मोमोटा ने तीसरे एकल में किदांबी श्रीकांत को हराकर अपनी टीम को जीत दिलाई। दोनों टीमें टीम 2-2 से बराबरी पर थीं और सभी की निगाहें दुनिया के दो पूर्व नंबर एक खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत और केंटो मोमोटा के बीच होने वाले तीसरे और अंतिम एकल एकल पर टिकी थीं।

श्रीकांत ने पहला गेम जीतकर बढ़त बनाई। श्रीकांत ने दूसरे गेम में 19-12 की बढ़त बना ली थी, लेकिन मोमोटा ने लगातार आठ अंक जीतकर वापसी की। भारतीय खिलाड़ी एक मैच प्वाइंट बचाने में सफल रहे, लेकिन जापानी खिलाड़ी को एक घंटे 17 मिनट में मैच जीतने से नहीं रोक सके।