नई दिल्ली । विपक्ष ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना कर कहा कि उन्होंने मणिपुर हिंसा पर 90 मिनट तक कुछ नहीं बोला और सदन से वाकआउट करने के बाद ही विषय को छुआ। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा, पीएम मोदी अपने भाषण के शुरुआती 90 मिनट में मणिपुर के अहम मुद्दे को आसानी से टालते रहे। उन्होंने कहा, हालांकि, जब इंडिया ने वॉकआउट करने का फैसला किया, तब प्रधानमंत्री की सोची-समझी प्रतिक्रिया तेज थी।
डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट किए वीडियो संदेश में कहा, पीएम मोदी आज आपके भाषण के बाद, पूरा विश्वास है कि भारत: जीतेगा भारत। मैं आपको सकारात्मक बता सकता हूं, टेफ्लॉन कोटिंग चली गई है, चमक गायब हो गई है। प्रधान मंत्री ने भाषण में विपक्ष, मुख्य रूप से कांग्रेस पर हमला कर कहा कि उन्हें गरीबों की भूख की चिंता नहीं है, बल्कि केवल सत्ता की चिंता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एनडीए अगले साल के आम चुनाव में जीत हासिल करेगी और 2028 में एक और अविश्वास प्रस्ताव के लिए बेहतर तैयारी के लिए विपक्ष का मजाक उड़ाया।
मणिपुर के बारे में बोलकर पीएम मोदी ने कहा, पूरा देश मणिपुर के साथ है, और राज्य में शांति बहाल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधकर कहा कि वह कांग्रेस-फोबिया से ग्रस्त हैं, इसकारण उन्होंने लोकसभा में अपने पूरे भाषण के दौरान पार्टी की आलोचना की। पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर बोलने के बजाय कांग्रेस की आलोचना की।
पीएम मोदी के भाषण पर तीखी प्रतिक्रिया देकर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर बहस को चुनावी रैली के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा, अगर आपने पहले ही अपनी जिद और अहंकार छोड़ दिया होता तब संसद का बहुमूल्य समय बचाया जा सकता था। आम आदमी पार्टी (आप) ने बीजेपी पर निशाना साधाकर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कुछ बीजेपी सांसद पीएम के भाषण के दौरान झपकी लेते दिखाई दिए। कैप्शन में लिखा है, इतना उबाऊ भाषण दीजिए कि आपके अपने सांसद सो जाएं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी मणिपुर के लिए एक मिनट का समय आवंटित करने के लिए पीएम मोदी पर हमला किया। राजद सांसद मनोज झा ने बताया, पीएम मोदी से यह उम्मीद नहीं थी। उनके भाषण में चुटकुले और व्यंग्य थे।