इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ तोशाखाना मामले को अस्वीकार्य घोषित किया। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने यह फैसला सुनाया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान की जमानत याचिका पर आज इस्लामाबाद में सुनवाई हो रही है।

क्या है तोशाखाना केस

सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला चुनाव आयोग के सामने उठाया था। सत्ताधारी पार्टी का कहना था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। हालांकि, इसका जवाब देते हुए इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था और बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। वहीं, बाद में खुलासा हुआ था कि इसे बेचकर इमरान खान को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले थी।

क्या है तोशाखान

1974 में डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत तोशखाना कैबिनेट विभाग स्थापित किया गया था। यह विभाग सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए बहुमूल्य उपहारों को संग्रहीत करता है।