राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में शादियों के दौरान बिंदौरी की रस्में निभाई जाती हैं। इसी कड़ी में रस्म में लड़का घोड़ी पर बैठता है और किसी एक स्थान से गांव के विभिन्न मार्गों से होकर उसकी बिंदौरी निकाली जाती है। वहीं, आसलपुर गांव में एक अनोखी बिंदौरी निकाली गई।

जयपुर जिले के आसलपुर गांव में राव समाज में एक और एक सराहनीय पहल की है। राव मोहल्ले में नादान सिंह ने अपनी बेटी को घोड़ी पर बिठाकर बिंदौरी निकाली है। आसलपुर निवासी लाल सिंह ने समाज में बेटा-बेटी एक समान का संदेश देकर घोड़ी पर बिटिया हेमलता कंवर को बैठाकर भेदभाव नहीं करने का समाज में अच्छा संदेश दिया है।

शादी-विवाह में शिरकत करने पहुंचे रिश्तेदारों ने भी बिटिया की बिंदौरी में बैंडबाजों की मधुर सुस्वर लहरियों में नाचते-गाते उत्साह के साथ बिंदौरी निकाली, जिससे बिटिया हेमलता कंवर के चेहरे पर मुस्कुराहट खिली। आज के युग में बेटियां बेटों से किसी भी कार्य में पीछे नहीं हैं। हमें इस भेदभाव के रिश्ते को हमेशा के लिए समाप्त कर देना है। क्योंकि म्हारी छोरियां छोरों से कम नहीं हैं।