राजस्थान : भारत-पाक बॉर्डर के पास जैसलमेर में रेतीले धोरों पर भारत और मिस्र की सेना ने जॉइंट युद्धाभ्यास शुरू किया है। जिसे 'एक्सरसाइज साइक्लोन- I' नाम दिया गया है। दोनों सेनाओं की यह स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम 14 दिनों तक चलेगा। भारतीय और मिस्र की सेना का यह अपनी तरह का पहला संयुक्त युद्धाभ्यास है। रेगिस्तानी इलाके में काउंटर टेररिज्म, रेड और अन्य स्पेशल ऑपरेशन पर दोनों सेनाओं का फोकस है।

सेना के औपचारिक बयान में कहा गया है कि 14 जनवरी को शुरू हुए इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करना है। साथ ही आतंकवाद जैसे ऑपरेशंस से लड़ने के लिए प्रोफेशनल्स स्किल्स बढ़ाना है। इस युद्धभ्यास में रेगिस्तानी इलाके में प्रोफेशनल स्किल्स और विशेष बलों की अंतर-क्षमता को साझा करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

क्या है साइक्लोन-I
साइक्लोन-I” अभ्यास अपनी तरह का पहला सैन्याभ्यास है, जिसमें दोनों देशों के विशेष बल संयुक्त रूप से एक मंच पर एकत्र हुए हैं. यह सैन्यभ्यास 14 दिन चलेगा और इसे राजस्थान के रेगिस्तानों में संचालित किया जा रहा है. दोनों देशों के उन्नत विशेष बल स्नाइपिंग, कॉम्बेट-फ्री फॉल, टोह लगाने, निगरानी करने, लक्ष्य निर्धारित करने जैसे कौशलों को साझा करने के साथ हथियारों, उपकरणों, नवाचारों, तकनीकों, रणनीतियों और प्रक्रियों संबंधी सूचनाओं का आदान-प्रदान भी करेंगे. इसमें हिस्सा लेने वाले सैन्यकर्मी संयुक्त रूप से योजना बनाने, युद्ध-भूमि में मुकाबला करने, आतंकी ठिकानों/कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने और बड़े लक्ष्यों पर स्नाइपर-शूटिंग का भी अभ्यास करेंगे.

दोनों देशों के विशेष बलों को एक साझा मंच पर लाने का यह अपनी तरह का पहला अभ्यास है। दोनों सेनाओं की स्पेशल फोर्सेस की स्किल्स जैसे-स्नाइपिंग, कॉम्बैट फ्री फॉल, टोही और निगरानी गतिविधियों के साथ टारगेट आधारित निशाना लगाने, हथियारों की जानकारी साझा करने, उपकरणों, इनोवेशंस, युद्ध की रणनीति, तकनीक और प्रोसिजर को आपस में दोनों सेनाएं शेयर करेंगी।