भोपाल ।   मध्य प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सीएम राइज स्कूल उनके क्षेत्रों में खोलने की पक्ष और विपक्ष के सदस्य मांग करने लगे तो पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि ज्यादा दुखी न हों, सात माह बचे हैं फिर सबकी मांगें पूरी की जाएंगी। प्रदेश की जनता जानती है कि अस्पताल में डाक्टर और स्कूल में शिक्षक नहीं हैं। खंभे हैं, उनमें तार भी हैं लेकिन बिजली नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि इसे ही दिवा स्वप्न कहते हैं। आप कुछ भी कह लें, जनता जवाब देगी। दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने सोनकच्छ में सीएम राइज स्कूल खोलने का प्रस्ताव आने और बाद में उसे हटाए जाने को लेकर आपत्ति जताई और स्कूल खोलने की मांग की। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि ब्लाक मुख्यालय पर भी सीएम राइज स्कूल खोलने की प्रक्रिया चल रही है।

कांग्रेस ने किया बहिर्गमन

बीबीसी के विरुद्ध सोमवार को विधानसभा में निंदा का संकल्प पारित कराने के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार को बहिर्गमन किया। नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही कहा कि सर्वसम्मति से संकल्प पारित नहीं हुआ। मैंने विरोध किया था। संकल्प भी नियम विरुद्ध तरीके से रखा गया। सरकार तानाशाही कर रही है, हम इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि शून्यकाल में कोई विषय उठाया जाता है तो उसे संकल्प बनाने की एक प्रक्रिया है, लेकिन सत्तापक्ष द्वारा नियम-प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

यह कैसा अमृतकाल : डा. गोविंद सिंह

प्रदेश में जनता लुट रही है। अधिकारी मनमर्जी कर रहे हैं। किसी की कहीं कोई सुनवाई नहीं है। भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दिया जा रहा है। अभियोजन की स्वीकृति के कई प्रकरण शासन स्तर पर लंबित हैं। यह कैसा अमृतकाल है, जिसमें आमजन परेशान हैं। यह बात नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कही।