नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और केंद्र के बीच तनातनी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर चुके सीएम केजरीवाल अब नीति आयोग की बैठक का भी बहिष्कार करने वाले हैं। इसके लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
दो पन्ने के पत्र में सीएम केजरीवाल ने लिखा, शनिवार को नीति आयोग की मीटिंग है। नीति आयोग का उद्देश्य है भारतवर्ष का विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और न ही सहकारी संघवाद।  
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से आप सहित कई विपक्षी दल केंद्र सरकार के उस अध्यादेश को लेकर हमलावर हैं, जिसके तहत राजधानी में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की शक्ति दिल्ली सरकार से वापस ले ली गई है। केजरीवाल ने अध्यादेश के मुद्दे पर अटैक कर कहा, आठ साल की लड़ाई के बाद दिल्लीवालों ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जीती, दिल्ली के लोगों को न्याय मिला। मात्र आठ दिन में मोदी सरकार ने अध्यादेश पारित कर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया। केजरीवाल ने लिखा, आप (पीएम मोदी) दिल्ली सरकार को पंगु क्यों बनाना चाहते हैं? क्या यही भारतदेश का विजन है? नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने के पीछे केजरीवाल ने वजह बताकर लिखा, लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते, तब लोग न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे? जब इस तरह खुलेआम संविधान और जनतंत्र की अवहेलना हो रही है और सहकारी संघवाद का मजाक बनाया जा रहा है, तब फिर नीति आयोग की मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। इसलिए कल की मीटिंग में मेरा शामिल होना संभव नहीं है। केजरीवाल ने पीएम मोदी को पिता और बड़े भाई समान बातकर लिखा कि आप यदि केवल भाजपा सरकारों का साथ देते हैं और गैर बीजेपी सरकारों के काम को रोकते हैं, तब इससे देश का विकास रुक जाएगा।