दुबई । दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक (ओपेक) के प्रमुख ने एक चेतावनी दी है। ओपेक महासचिव हैथम अल घैस ने बताया कि ऑयल इंडस्ट्री में निवेश की कमी आ रही है, जो ग्लोबल एनर्जी सिक्योरिटी के लिए एक खतरा है। इससे कच्चे तेल की कीमतें जल्द ही 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं। अबू धाबी में एडीपीईसी एनर्जी समिट में घैस ने कहा कि अब से 2045 के बीच ऑयल इंडस्ट्री में कम से कम 12 ट्रिलियन डॉलर का कुल निवेश आवश्यक है, ताकि ऊर्जा की कीमतों में उछाल को रोका जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि ऑयल सेक्टर में कम निवेश खतरनाक है। उन्होंने कहा, कम निवेश करके हम वास्तव में ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। मुझे लगता है कि मांग बढ़ने के साथ कीमतों में उतार-चढ़ाव बढ़ने की गंभीर संभावनाएं हैं।
वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल जून के मध्य के निचले स्तर से 29 प्रतिशत बढ़ गया है। यह पिछले नवंबर के बाद से अपने शीर्ष स्तर के करीब कारोबार करता दिख रहा है। बुधवार को यह 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर ट्रेड करता दिखा। मुख्य रूप से सऊदी अरब और रूस द्वारा उत्पादन में कटौती को बढ़ाने के चलते दाम ऊपर जा रहे हैं। जब ओपेक महासचिव घैस से पूछा गया कि क्या कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचेगी, तब कहा, ओपेक कीमतों का पूर्वानुमान नहीं करता है, लेकिन इस संख्या को जन्म दे सकने वाले कारक कुछ समय से मौजूद हैं। सबसे बड़ा कारक तेल सेक्टर में निवेश की कमी है। उन्होंने कहा, दुनिया निवेश की कमी की समस्या को सुलझा ले यह काफी जरूरी और महत्वपूर्ण है। कम निवेश करके हम वास्तव में ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं। दुनिया को अब से 2045 तक कम से कम 12 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी।