भोपाल ।  विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का दलबदल का सिलसिला तेज हो गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेता अपना सियासी फायदा देखकर इधर से उधर जा रहे हैं। पिछले एक साल में नेता अपना राजनीतिक भविष्य देखकर सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में जुट गए हैं। शुक्रवार को  म भाजपा ने एक बार फिर चुनाव से पहले विंध्य इलाके में कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। पूर्व विधायक अभय मिश्रा और नीलम मिश्रा ने शुक्रवार को भाजपा का दामन थाम लिया है। भोपाल में भाजपा कार्यालय में नीलम मिश्रा और अभय मिश्रा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। बता दें कि पूर्व विधायक नीलम मिश्रा और अभय मिश्रा पति पत्नी हैं। इतना ही नहीं दोनों पहले भाजपा में ही थे लेकिन करीब 5 साल पहले अभय मिश्रा ने भाजपा का दामन छोडक़र कांग्रेस का हाथ थाम लिया था जिसके बाद नीलम मिश्रा ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। इस तरह से इन दोनों ही नेताओं की ये एक तरह से फिर से घर वापसी भी है। बता दें कि अभय मिश्रा रीवा जिले की सेमरिया सीट से साल 2008 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। वहीं उनकी पत्नी नीलम मिश्रा भी सेमरिया सीट से ही साल 2013 में भाजपा की टिकट पर विधायक चुनी गई थीं। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के सामने डिंडौरी, शहपुरा, तेन्दूखेड़ा और गोटेगांव विधानसभा के सैकड़ों कांग्रेस और गोंडवाना पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा की सदस्यता लेने वालों में गोटिया कोल महासंघ, यूथ कांग्रेस पदाधिकारी, गोंडवाना पार्टी के पदाधिकारी, आदिवासी एकता संगठन के लोग भी शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी का पार्टी का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री एवं प्रदेश कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी उपस्थित थे। वहीं गुरूवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक रघुराज सिंह धाकड़ भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। सिंधिया का दो महीने में बैजनाथ सिंह यादव, राकेश गुप्ता के बाद रघुराज सिंह धाकड़ ने साथ छोड़ दिया।
प्रदेश में पिछले एक साल में कई नेता भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया। अब भाजपा से कांग्रेस में आने वाले नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है। इस मामले में कांग्रेस का कहना है कि भाजपा में नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे है। वहीं, भाजपा की बात करें तो नेताओं की नाराजगी और असंतोष बढ़ते जा रहा है। इसके लिए पार्टी ने दिग्गज नेताओं को जिम्मेदारी दी, लेकिन इसके बावजूद नेता अपना सियासी समीकरण देखते हुए भाजपा छोडक़र कांग्रेस में जा रहे हैं। हालांकि, दिग्गज नेता कुछ बागी नेताओं समेत कांग्रेस के नेताओं को साधने में सफल रहे। भाजपा का कहना है कि नेता राष्टवाद के चलते पार्टी में आ रहे हैं।


ये नेता कांग्रेस में हुए शामिल
- दीपक जोशी- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा छोडऩे के लिए पिता के स्मारक के लिए बार-बार कहने के बाजवूद नहीं बनाने का कारण बनाया।
- कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह- कटनी जिले के विजाराघवगढ़ के पूर्व विधायक कुंवर ध्रुव प्रताप सिंह ने भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने भी वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाया।
- यादवेंद्र सिंह यादव- अशोकनगर जिले की मुंगावली सीट से तीन बार के विधायक देशराज सिंह के बेटे यादवेंद्र सिंह ने भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने सिंधिया के पार्टी में आने के बाद से पुराने नेताओं को तवज्जो नहीं देने का आरोप लगाया।
-बैजनाथ सिंह यादव- शिवपुरी से भाजपा नेता बैजनाथ सिंह यादव अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने कांग्रेस में घर वापसी की।
- अंजुम रहबर- गुना निवासी दिवंगत शायर राहत इंदौरी की पत्नी मशहूर शायरा अंजुम रहबर आम आदमी पार्टी को छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुईं।
- अवधेश नायक- दतिया से अवधेश नायक ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस ज्वाइन की। चर्चा है कि कांग्रेस उनको नरोत्तम मिश्रा के सामने चुनाव में उतारेगी।
- राजकुमार धनोरा- सागर में सुरखी से राजकुमार धनोरा ने भी भाजपा छोडक़र कांग्रेस ज्वाइन की। धनोरा मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार है। धनोरा को कांग्रेस मंत्री गोविंद सिंह के खिलाफ चुनाव में उतारेगी।
- राधेलाल बघेल- दतिया जिले के सेवढ़ा से विधायक राधेलाल बघेल भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा में उपेक्षा की बात कही।


ये नेता भाजपा में शामिल हुए
सिद्धार्थ मलैया- पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने भाजपा मे वापसी की। सिद्धार्थ के पार्टी लाइन से हटकर काम करने पर कार्रवाई की गई थी। दमोह उपचुनाव हारने के बाद भाजपा नेताओं ने उनको मनाकर वापसी कराई।
प्रीति सूरी- कटनी महापौर प्रीति सूरी ने भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद दिग्गज नेताओं ने सूरी की पार्टी में वापसी कराई।
राजेश तिवारी- विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी राजेश तिवारी ने सीएम शिवराज की मौजूदगी में सदस्यता ली। तिवारी को भाजपा विदिशा से चुनाव में उतार सकती है।
लीला अटारिया- देवास जिला पंचायत अध्यक्ष लीला अटारिया और उनके पति भेरूलाल ने भाजपा की सदस्यता ली। बता दें कांग्रेस में उनकी सज्जन सिंह वर्मा से विवाद चल रहा था।
प्रमिला साधौ- महेश्वर से कांग्रेस विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ की बहन प्रमिला साधौ ने भाजपा ज्वाइन की।