भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) जनवरी के अंतिम सप्ताह में देश के सबसे बड़े आईपीओ के लिए प्रॉस्पेक्टस दाखिल कर सकता है। राज्य संचालित बीमा कंपनी एलआईसी की योजना 31 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में आईपीओ प्रॉस्पेक्टस को दाखिल करने की है। इससे एलआईसी के एम्बेडेड मूल्य के साथ-साथ प्रस्ताव में शेयरों की संख्या भी पता चलेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि ओमीक्रॉन वायरस की लहर शेड्यूल पर असर डाल सकती है।

5% -10% तक हिस्सा आईपीओ के तहत आ सकता है- वित्त मंत्रालय से कोई टिप्पणी के लिए तुरंत उपलब्ध नहीं था। एलआईसी से भी तुरंत जवाब नहीं मिला। तय समय सीमा मार्च के अंत तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को एलआईसी को सूचीबद्ध करने के ट्रैक पर ले जाएगी और इससे राजस्व को भी जरूरी बढ़ावा मिलेगा। ब्लूमबर्ग न्यूज ने सितंबर में रिपोर्ट दी थी कि सरकार ने बीमाकर्ता में 5% -10% हिस्सेदारी बेचने की मांग की थी, इससे सरकार को 10 ट्रिलियन रुपए मिल सकते हैं।

नियमों में भी बदलाव- अपने सबसे बड़े आईपीओ की सफलता सुनिश्चित करने के लिए भारत नियमों में बदलाव कर रहा है। लोगों ने कहा कि सरकार अभी भी पूरी मूल्यांकन रिपोर्ट का इंतजार कर रही है और उसके आधार पर अनुमानित मूल्यांकन बदल सकता है। उन्होंने कहा कि एलआईसी का मूल्य तथाकथित एम्बेडेड मूल्य से पांच गुना अधिक हो सकता है यह अधिकांश बीमाकर्ताओं के मुकाबले 3-4 गुना अधिक है।