बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हराने वाली भाजपा को राज्य में कुछ और झटके लग सकते हैं। चर्चा है कि अगले कुछ दिनों में भाजपा के कई विधायक कांग्रेस गुट में जा सकते हैं। इस लेकर कांग्रेस में काफी उत्साह है, क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और उससे पहले बेंगलुरु नगर निगम के भी चुनाव हैं। पाला बदलने को तैयार विधायकों में से ज्यादातर वे हैं, जो 2019 में कांग्रेस से ही टूटकर भाजपा में गए थे। इसकारण कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली सरकार ही गिर गई थी।  
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों को पार्टी चरणबद्ध तरीके से लेगी ताकि धीरे-धीरे एक माहौल तैयार किया जा सके। यशवंतपुर विधानसभा से भाजपा विधायक एस.टी सोमशेखर के बयान से भी ऐसी चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। पूर्व सहकारिता मंत्री डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के साथ कुछ दिन पहले देखे गए थे। यह मौका केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट के लेआउट के निरीक्षण का था। इस मौके पर सोमशेखर ने डीके को अपना गुरु बताया था। उन्होंने कहा था कि डीके शिवकुमार मेरे लिए गुरु रहे हैं और उन्होंने सहकारिता क्षेत्र में आगे बढ़ने में मुझे मदद की थी। 
सोमशेखर ने 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। उनके अलावा 14 और कांग्रेसी विधायक एवं तीन जेडीएस विधायकों ने भी गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोमशेखर के अलावा शिवराम हेब्बर,बी.बसवराजू और के. गोपालैय्या सहित कई और विधायक भी भाजपा छोड़ सकते हैं। गोपालैय्या को छोड़कर बाकी सभी विधायक कांग्रेस में ही थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इन विधायकों की सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके से बात हो चुकी है। डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।  
इन चर्चाओं के बीच गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि जो लोग कांग्रेस में आना चाहते हैं, वे पहले भी पार्टी के लिए काम कर चुके हैं। उन्होंने कहा, सोमशेखर तब बेंगलुरु शहरी जिले के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, जब मैं प्रदेश अध्यक्ष हुआ करता था। वह तीन बार विधायक रह चुके हैं और पार्टी में बने रहते तब आज मंत्री पद पर होते। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता सोमशेखर की वापसी का विरोध नहीं करने वाले हैं। एक और विधायक मुनिरत्न के भी कांग्रेस में एंट्री करने की चर्चाएं हैं।