झाबुआ,  फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना कर रुपए ऐंठने वाले मामले का मुख्य सरगना कोतवाली पुलिस द्वारा गाजियाबाद से धर दबोचा गया है। जिला मुख्यालय पर पिछले दिनों इस मामले में गिरफ्तार किए गए दो आनलाइन संचालकों की गिरफ्तारी के बाद कोतवाली पुलिस, झाबुआ इसकी तलाश में थी। गिरफ्तारी के बाद आज मंगलवार को आरोपित ने पुलिस पूछताछ के दौरान उक्त फर्जी वाड़े के बारे में विस्तार से बताया कि किस प्रकार उसके द्वारा तकनीक का दुरूपयोग कर फर्जी वेबसाइट बनाई गई, तथा इस फर्जी वाड़े में अन्य आनलाइन सेन्टर संचालकों को शामिल कर गलत तरीके से अच्छी खासी कमाई की योजना बनाई गई। 

पुलिस की इस सफलता के बारे में जानकारी देते हुए  पुलिस अधीक्षक झाबुआ अगम जैन ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमलाल कुर्वे, एसडीओपी झाबुआ सुश्री बबिता बामनिया एवं कोतवाली प्रभारी सुरेंद्र सिंह गाड़रिया की टीम बनाई गई थी, जिसके द्वारा संयुक्त रूप से रणनीति बनाकर फर्जी जन्म प्रमाण बनाने वाले मुख्य सरगना कुशाग्र पिता राजेश श्रीवास्तव निवासी गाजियाबाद उत्तर प्रदेश को अपनी गिरफ्त में ले लिया गया है। आरोपित के खिलाफ थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 446/2023 एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा 420,464,468 मे प्रकरण दर्ज कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के सरगना को गिरफतार करने मे सफलता हासिल की है।

 उक्त मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य सरगना कुशाग्र पिता राजेश श्रीवास्तव निवासी गाजियाबाद,  उत्तर प्रदेश से जब इस मामले में झाबुआ पुलिस द्वारा पूछताछ की गई तो पूछताछ के दौरान आरोपित ने पुलिस को बताया है की वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, किंतु किसी कारणवश पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था। ओर कोविड 19 में जब उसकी नौकरी भी चली गई, तब नौकरी जाने के बाद उसके खाली दिमाग में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आईडिया आया। ओर फिर उसने एक वेब डेवलपर से संपर्क कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाली कुछ पोर्टल बनवाए जो हुबहू सरकारी पोर्टल जैसे ही दीखते थे ,जिससे किसी को भी शक न हो की ये वेबसाइट फर्जी है | फिर लोगो से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क कर रजिस्ट्रेशन करवाया। इस फर्जी वाड़े में झाबुआ का एक आरोपी रिंकू राठौर भी शामिल हो गया था, जो कि अभी उक्त प्रकरण में जिला जेल झाबुआ में बंद है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में झाबुआ पुलिस द्वारा विगत सप्ताह झाबुआ जिला मुख्यालय के दो आनलाइन सेन्टर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें  गिरफतार किया गया था।

कोतवाली प्रभारी ने बताया है की अभी इस प्रकरण में विवेचना जारी है, ओर इस मामले में आगे ओर खुलासे होंने की संभावना है। पुलिस द्वारा मामले की सरगर्मी से जांच जारी है। इधर जिला पुलिस द्वारा आमजनों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा गया है कि कुछ फर्जी वेबसाइट जिसके द्वारा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये जा रहे है। ऐसे में जरूरी है कि सक्षम संस्था से ही कोई दस्तावेज बनवाए और धोखाधड़ी से बचे एवं जागरूक रहे।