13 हजार से अधिक किसानों ने नारकोटिक्स को सौंपा अफीम
भोपाल । मौसम की अनुकूलता और किसानों की मेहनत से जिले की माटी ने इस बार बंपर काला सोना उगला है। इस बार अफीम की क्वालिटी भी बेहतर रही और उत्पादन भी अच्छा हुआ है। अफीम के बेहतर उत्पादन होने से इस बार किसानों के अफीम पट्टे निरस्त होने की गुंजाइश कम लग रही है। मंदसौर में नारकोटिक्स विभाग द्वारा अफीम तोल की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वहीं सीपीएस पद्धति से डोडा तौल की प्रक्रिया की जा रही है।
मंदसौर जिले में नारकोटिक्स के तीन खंड है। इन तीन खंडों से जिले में 19 हजार से अधिक किसान है जिन्हें नियमित और सीपीएस के पट्टे जारी किए गए थे। इसमें से 13 हजार 111 किसानों ने तीनों खंडों में 88971 किलोग्राम से अधिक अफीम का तौल कराया। नारकोटिक्स विभाग ने किसानों को 9 करोड़ से अधिक का भुगतान किया। विभाग द्वारा खरीदा गया अफीम नीमच की अल्कोलाइड फैक्ट्री भेजा गया है। फेक्ट्री में अफीम की मार्फिन टेस्ट होने के बाद किसानों को बचा हुआ तीसरी भुगतान भी किया जा रहा है। उधर सीपीएस के पट्टेधारी किसानों का तौल तीनों ही केंद्रों पर अंतिम चरण में है।
इस वर्ष जिले के 553 गांवो के 19 हजार काश्तकारों को लांसिंग और सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती करने के लिए नारकोटिक्स विभाग ने लाइसेंस जारी किए थे। जिले में लासिंग पद्धत्ति 13209 पट्टे जांरी हुए इनमे 13 हजार 111 किसानों से 88 हजार 971 किलो अफीम नारकोटिक्स विभाग ने खरीदी । इसका 9 करोड़ भुगतान किया गया। पहले खंड में 4565 किसानों ने 32681 किलोग्राम तो दूसरे खंड में 4747 किसानों ने 28749.6 किलोग्राम व तीसरे खंड में 27547.845 किलोग्राम अफीम तोल के दौरान विभाग को दी। तोल की औसत अनुमानित 61.66 किलोग्राम प्रतिहेक्टेयर रही है। वहीं 6142 सीपीएस पट्टेधारी किसानों के अफीम के डोडे का तौल की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है।