भोपाल ।  प्रदेश की 21 हवाई पट्टियों का राज्य सरकार सर्वे करा रही है। इन हवाई पट्टियों को जेट प्लेन के अनुरूप तैयार कराया जाएगा। सर्वे के लिए राज्य सरकार ने निजी एजेंसी का चयन कर लिया है। टेंडर के माध्यम से चयनित मुंबई की अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी एजेंसी पांच करोड़ रुपये में सर्वे का कार्य करेगी। प्रदेश में कुल 32 हवाई पट्टियां हैं। इनमें भोपाल, इंदौर, खजुराहो, ग्वालियर एवं जबलपुर में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण एयरपोर्ट का संचालन करता है। तीन हवाई पट्टियां निजी क्षेत्र के अधीन हैं, जिनमें दमोह-डायमंड सीमेंट, शहडोल- ओरिएंटल पेपर मिल एवं नागदा-ग्रेसिम शामिल हैं। हाल ही में रीवा विमान पट्टी को भी एयरपोर्ट अथारिटी को सौंप दिया गया है। शेष हवाई पट्टियों में से 21 का चयन कर सर्वे कराया जाएगा और इसे इस तरह तैयार किया जाएगा कि, यहां जेट प्लेन उतर सके।

18 माह में सर्वे करेगी एजेंसी

यह एजेंसी हवाई पट्टियों का अनुबंध की तारीख से 18 माह में सर्वे करेगी और देखेगी कि इनका कितना विस्तार किया जा सकता है या नहीं। विस्तार के लिए कितनी भूमि अतिरिक्त लगेगी, कितनी उपलब्ध है और वहां अतिक्रमण तो नहीं है। जिन हवाई पट्टियों की लीज समाप्त हो चुकी है, उन्हें राज्य सरकार अपने आधिपत्य में लेगी। इसमें से अधिकांश हवाई पट्टियां किराए पर दी जाएंगी।

नई विमानन नीति बनाएगी सरकार

मध्य प्रदेश की नई विमानन नीति बनाई जाएगी। इसके लिए सलाहकार भी नियुक्त किया जाएगा। यह सलाहकार नीति बनाने में राज्य सरकार की मदद करेगा। मुंबई की एजेंसी सलाहकार भी उपलब्ध कराएगी और नीति बनाने में मदद करेगी। नई नीति में प्रदेश के धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर विमानन सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रविधान किए जाएंगे। पर्यटन विभाग ने ऐसे स्थलों की जानकारी विमानन विभाग से साझा कर ली है, जिनमें विमानन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाना है।