इंदौर ।   प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह से पीएफ की राशि कटती है तो उनके लिए ई-नामांकन बेहद जरूरी है। मगर अधिकांश कर्मचारियों ने पीएफ खातों से महत्वपूर्ण दस्तावेज अब तक नहीं जोड़कर रखे है। ई-नामांकन की अधूरी प्रक्रिया होने से कर्मचारियों को पीएफ से जुड़ी योजना का फायदा मिलने में दिक्कतें होगी। आधार कार्ड-पैन कार्ड लिंक होने के अलावा कर्मचारियों ने नामिनी के बारे में नहीं बताया है। ऐसे बीस फीसद से अधिक कर्मचारी है, जिनके पीएफ खाते में नामिनी की जगह किसका भी नाम नहीं है। इसके चलते कर्मचारियों को पेंशन, बीमा और पीएफ भुगतान से जुड़ी अन्य सुविधा पाने में काफी दिक्कतें होगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने ई-नामांकन की प्रक्रिया भी आसान कर दी। अब कर्मचारी खुद अपनी व्यक्तिगत जानकारी खाते से जोड़ सकता है। प्रक्रिया पूरी कर कर्मचारी को सिर्फ अपनी कंपनी में जानकारी देना है। उसके बाद पीएफ इन जानकारियों को कर्मचारी के खाते से अपडेट करता है। ई-नामांकन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बीते एक साल से पीएफ विभाग कर्मचारियों को जागरूक करने में लगा है। यहां तक समय-समय पर संस्थानों में सेमिनार कर जरूरी जानकारियां बताई जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक कोरोनाकाल के बाद निजी क्षेत्र की कंपनियों में काफी बदलाव आया है। इसके चलते कर्मचारियों की सटीक जानकारी विभाग के पास मौजूद नहीं है। यहां तक कर्मचारियों के पीएफ खाते में केवायसी अपडेट नहीं मिली है। पूरे प्रदेश में 50 से 60 लाख कर्मचारियों को पीएफ का लाभ मिल रहा है। इसमें 20 फीसद लोगों ने ई-नामांकन की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं की है।

नामिनी नहीं तो होगा नुकसान

कर्मचारी ने पीएफ खाते में अभी तक नामिनी का नाम नहीं जुड़वाया है तो उनके परिवार को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। ईपीएफओ सदस्य की मृत्यु के बाद बीमा की रकम का भुगतान होता है। उनके नामिनी को किया जाता है, जिसमें सात लाख रूपये तक की राशि मिलती है। इसके अलावा पीएफ राशि, पेंशन व अन्य सुविधाएं भी शामिल है।

इनमें हो सकती है दिक्कतें

- पेंशन

- पीएफ राशि भुगतान

- आनलाइन क्लेम करने में असुविधा

- बेटी की शादी, बच्चों की पढ़ाई और मकान निर्माण के लिए राशि निकालने में परेशानी।