• जलभराव और बाढ़ से बुरहानपुर और बैतूल के ग्रामीण क्षेत्रों में भरा पानी, रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में जमकर बरसेंगे बादल
  • नदियां उफनी...गांवों में 8 फीट भरा पानी
  • बाढ़ में तीन युवक बहे; बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान के पार, जिले के जसौंदी गांव में 12 से ज्यादा कच्चे मकान गिर गए, महाकाल मंदिर में पानी घुसा


नई दिल्ली/भोपाल/रायुपर । देश के कई राज्यों में भारी बारिश से जलभराव और बाढ़ की स्थिति पिछले दो-तीन दिनों से देश भर में देशभर में मॉनसून की भारी बारिश हो रही है। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर भारी बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं। महाराष्ट्र, गुजरात और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में बारिश का दौर जारी है। बारिश के बाद देश के 22 राज्यों के 235 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। वहीं अब बारिश और बाढ़ से मप्र और छग में हालात बिगडऩे लगे हैं। जलभराव और बाढ़ से बुरहानपुर और बैतूल के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी 8 फीट तक पानी भर गया है। वहीं रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में जमकर बारिश की संभावना जताई जा रही है।
मप्र के 13 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट है। लगातार हो रही बारिश से शनिवार दोपहर बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान पर पहुंच गई। पानी लगातार बढ़ रहा है। जिले के जसौंदी गांव में 12 से ज्यादा कच्चे मकान गिर गए। स्थानीय ग्रामीण अजमल तड़वी के मुताबिक, बरसाती नदी में आई बाढ़ में लासू नाम का युवक और उसकी बकरियां बह गईं। बहादरपुर रोड पर पाइप्स फैक्ट्री के पास स्थित रपटे पर पानी आने से बुरहानपुर का महाराष्ट्र से संपर्क कट गया है। बहादरपुर लोनी गांव के बाद महाराष्ट्र की सीमा लग जाती है। जिले के नेपानगर के अंबाड़ा गांव में 150 से ज्यादा घरों में बारिश का पानी घुस गया।

दो लोग बह गए
बैतूल में भी ताप्ती उफान पर है। जिले के सांडिया और जोलखेड़ा में पुलिया पार कर रहे दो लोग बह गए। इनमें से एक का शव मिल गया है। दूसरे की तलाश की जा रही है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि बंगाल की खाड़ी, नॉर्थ आंध्र प्रदेश, साउथ ओडिशा पोस्ट पर सिस्टम एक्टिव हैं। इनका असर मध्यप्रदेश में भी है। साउथ छत्तीसगढ़ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन है। एक मानसून ट्रफ लाइन कोटा, रायसेन, सिवनी, रायपुर, ओडिशा होते हुए गुजर रही है। पूर्वी-पश्चिमी हवाएं भी आपस में मिल रही हैं। इस कारण दक्षिण मध्यप्रदेश से लगे इलाकों में इसका असर है।

महाकाल मंदिर में भरा पानी
उज्जैन में शिप्रा और गंभीर नदियां उफना गई हैं। शुक्रवार देर रात भारी बारिश के बीच महाकाल मंदिर के गणेश और नंदी मंडपम में पानी भर गया। शयन आरती के दौरान मंदिर में पानी झरने की तरह बहा। शनिवार को भी भारी बारिश के अलर्ट पर उज्जैन कलेक्टर ने सरकारी और प्राइवेट स्कूल्स में आज अवकाश घोषित कर दिया। गंभीर बांध के गेट नंबर-3 को 50 सेंटीमीटर खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है।

छिंदवाड़ा में माचागोरा बांध का गेट खोलना पड़ा
हरदा में अजनाल नदी उफनाने से खंडवा स्टेट हाईवे बंद हो गया। 8 घंटे बाद पुल से पानी उतरने पर हाईवे पर ट्रैफिक शुरू हुआ। हरदा शहर के जत्रा पड़ाव इलाके में घरों में पानी भर गया। भोपाल में भी रात में तेज पानी गिरा। छिंदवाड़ा में माचागोरा बांध का वॉटर लेवल बढऩे पर एक गेट शनिवार को खोलना पड़ा है। यह बांध पेंच नदी पर बना है। पेंच के निचले इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।

आकाशीय बिजली से नाबालिग की मौत, 7 लोग झुलसे
कटनी जिले के कुठला थाना क्षेत्र में बिजली गिरने से एक नाबालिग की मौत हो गई जबकि सात लोग झुलस गए। खड़ोला गांव निवासी सरदार सिंह, रुकमणी सिंह और राज सिंह सहित सात लोग खेत में रोपा लगा रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश होने लगी। सभी खेत में बनी झोपड़ी में चले गए। इसी बीच झोपड़ी पर आकाशीय बिजली गिर गई। इसकी चपेट में आकर राज सिंह (17) की मौके पर मौत हो गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से सरदार सिंह की हालत गंभीर बताई जा रही है।

छत्तीसगढ़ में भारी बारिश का अलर्ट
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आज अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है। रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। बिलासपुर संभाग के रायगढ़, जांजगीर और उससे लगे जिलों में एक दो जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। राज्य के दक्षिणी हिस्से यानी बस्तर संभाग के भी कुछ जिलों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा सरगुजा संभाग के कुछ जगहों पर गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक एक कम दबाव का क्षेत्र दक्षिण तटीय ओडिशा उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश और उससे लगे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा एक चक्रवाती सिस्टम समुद्र तल से 7.6 किमी ऊंचाई तक विस्तारित फैला हुआ है।

महाराष्ट्र के यवतमाल में बाढ़, 2 की मौत
महाराष्ट्र के यवतमाल में भारी बारिश के चलते बाढ़ की स्थिति बनी है। कई घरों में पानी भर गया। एक घर की दीवार गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के लिए एयरफोर्स के एमआई-17 हेलिकॉप्टर को बुलाया गया है। पांच जगहों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। रायगढ़ के इर्शालवाडी में लैंडस्लाइड से मरने वालों की संख्या 26 हो गई है, 82 लोग लापता हैं। पालघर, मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी में बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं पहाड़ों में भी तेज बारिश का दौर जारी है। उत्तरकाशी और कारगिल में 21 जुलाई की देर रात बादल फटने की घटना सामने आई। यमुनोत्री हाईवे पर लैंडस्लाइड हो गया और कई गाडिय़ां दब गईं। वहीं, स्कूलों में भी मलबा जमा हो गया। बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया। यूपी में बिजनौर के मंडावली में कोटावाली नदी का जलस्तर बढऩे से एक बस तेज बहाव में फंस गई। बस में करीब 40 यात्री सवार थे। जेसीबी से सभी का रेस्क्यू किया गया।

हिमाचल में कुल्लू और रोहड़ू में बादल फटा
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शुक्रवार देर रात से भारी बारिश हो रही है। कोटखाई में की बाग डुमैहर पंचायत में एक मकान पर लैंडस्लाइड से नेपाली मूल के दो व्यक्तियों को मौत हो गई। रोहड़ू में बादल रात एक बजे फटने से लैला खड्ड ने खूब कहर बरपाया और ढाबे सहित एक मकान बाढ़ में बह गया। फ्लैश फ्लड के बाद एक ही परिवार के तीन लोग इसमें लापता है। अभी इनका कोई सुराग नहीं लग पाया। बादल फटने की घटना के बाद पूरे गांव में रातभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। बताया जा रहा है कि जगोटी निवासी रोशन लाल उनकी पत्नी भागा देबी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ में था। उधर, कुल्लू की गड़सा घाटी में बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। लैंडस्लाइड से खोड़ागे गांव के दो दर्जन से ज्यादा मकान खाली कराए गए। बादल फटने के बाद गांव के लोगों में दहशत में आ गए। उधर, कोटखाई अस्पताल की निचली मंजिल में पूरी तरह जलमग्न हो गई। भारी बारिश के बाद अस्पताल में कीचड़ भर गया। इससे डॉक्टर दूसरा स्टाफ अस्पताल में नहीं जा पा रहा। इस वजह से मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला सिरमौर में देर रात से हो रही बारिश के चलते गिरी जटोन बैराज खतरे के निशान के समय पहुंच गया जिसके बाद बैराज के सभी 10 गेट एक साथ खोल दिए गए हैं। सिरमौर में भारी वर्षा से सडक़ों, पुलों और पेयजल योजनाओं को काफी नुकसान हुआ है।