जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली आ रही तथाकथित राजनैतिक कुर्सी की लड़ाई को सुलझाने के लिए दो प्रभारी, अविनाश पांडे, अजय माकन को हटाने के बाद तीसरे प्रभारी पंजाब के खाँटी कांग्रेसी सुखिजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान कांग्रेस का प्रभार दोनो दिग्गजों की लड़ाई शांत कराने के लिए सौपा था तब रंधावा ने कहा कि दोनो के बीच का झगड़ा शीघ्र शांत होगा और संगठन को चुस्त दुरूस्त करने के लिए नियुक्तियां धड़ाधड़ होगी।
राज्य में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पदो का तोहफा तो मिलना शुरू हो गया मगर गहलोत पायलट की अदावत ज्यो की त्यो खडी है उस अदावत को प्रदेश प्रभारी रंधावा अदावत नहीं मांनते मगर दोनो का झगड़ा शीघ्र समाप्त हो जायेगा। गत दिन दिल्ली में हुई कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधवा और महासचिव केसी वेणुगोपाल के बीच बैठक काफी लम्बी चली सूत्र बताते है कि बैठक में राजस्थान के ये दोनो दिग्गजों की गहन चर्चा की गई मगर अभी तक यह संकेत नहीं आये है कि किन मुद्दो पर चर्चा हुई और विवाद कैसे सुलझा हमेशा की तरह दोनो की लड़ाई की खबरें प्राथमिकता से प्रकाशित करने का आरोप मीडिया के सिर मड़ दिया रंधावा ने कहा कि दोनो नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है केवल और केवल मीडिया के बीच मनभेद और मतभेद की खबरे प्लांट की जाती है रंधावा के इस दावे को सच मान लिया जाये तो फिर सचिन पायलट गु्रप के वेदप्रकाश सोलंकी, बैरवा, राजेन्द्र गुढ़ा, हेमाराम चौधरी, हरीश चौधरी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नीतियों के साथ उनके द्वारा जनता के हित के लिए किए गए उन वादो की याद क्यों दिला रहे है जो वादे अभी अधूरे माने जा रहे है ऐसे में रंधावा द्वारा मीडिया पर लगाया गया आरोप स्वत: प्रश्न खड़े करता है कि दोनो के बीच राजनैतिक अदावत कहीं ना कहीं तो है।