नई दिल्ली । एक ओर जहां मोदी सरकार मणिपुर पर चर्चा को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध दूर करने के लिए संसद में एक बड़ा विधायी प्रयास करने की योजना बना रही है। वहीं, दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहा है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। मंगलवार सुबह भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। सूत्रों ने कहा कि सभी दल एक साथ हैं और राज्यसभा के लिए रणनीति बनाई जा रही है।
आखिरी बार 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर संसद में बोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूर करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद, यह निर्णय लिया गया कि मोदी सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा। सूत्रों का कहना है कि अगर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा नहीं रहता है कि चर्चा शुरू होने से पहले दोनों सदनों में पीएम एक विस्तृत बयान दे, तब नियम 267 के तहत मणिपुर पर मंगलवार को उच्च सदन में चर्चा होने की संभावना है। फिलहाल मंगलवार को भी दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। 
इस बीच, मणिपुर में हिंसा पर विपक्षी दलों के विरोध के बीच लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की और नारे लगाना शुरू कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने विरोध कर रहे सदस्यों से नारेबाजी नहीं करने को कहा और उनसे अपनी सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया।