देखते ही गोली मारने के आदेश, भड़की हिंसा के बाद चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात
इम्फाल । मणिपुर में हालात बेकाबू होते देख सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए हैं। हालांकि मणिपुर के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा के मद्देनजर, भारतीय सेना ने मोरेह और कांगपोकपी क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रण में कर ली है। सरकार ने सुरक्षाबलों को दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने के बाद, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को फिलहाल के लिए रोक दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारतीय सेना ने आगे कहा कि इम्फाल और चुराचांदपुर क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। मणिपुर में अतिरिक्त सैनिकों की एहतियाती तैयारी जारी है। नगालैंड से भी अतिरिक्त जवानों को फिर से मणिपुर के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया है। जानकारी के अनुसार इस समय मणिपुर के 16 में से 8 जिलों में कर्फ्यू है। रेलों को जहां हैं वहीं रोकने के सवाल पर एनएफ रेलवे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने कहा कि स्थिति में सुधार होने तक कोई ट्रेन मणिपुर में प्रवेश नहीं कर रही है। मणिपुर सरकार द्वारा ट्रेन की आवाजाही रोकने की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है।
इधर दंगाइयों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जा रहा है। मणिपुर के राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘समझाने और चेतावनी के बावजूद स्थिति काबू में नहीं आने पर देखते ही गोली मारने की कार्रवाई की जा सकती है।’ भारतीय सेना ने कहा कि इसके अलावा, अतिरिक्त टुकड़ियों को मणिपुर पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना गुवाहाटी और तेजपुर से आज रात उड़ान का संचालन करेगी। मणिपुर में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) मणिपुर द्वारा मीतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान 3 मई को भड़की हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। इस बीच जनजातीय समूहों द्वारा कई जिलों में रैलियां निकालने के बाद मणिपुर में कानून और व्यवस्था में व्यवधान के बाद, भारतीय सेना ने नागरिकों से केवल आधिकारिक और सत्यापित स्रोतों के माध्यम से सामग्री पर भरोसा करने का आग्रह किया है।
वहीं सेना ने लोगों से फर्जी वीडियो से सावधान रहने को कहा। भारतीय सेना के स्पीयर कॉर्प्स ने एक ट्वीट में कहा, ‘असम राइफल्स पोस्ट पर हमले के वीडियो सहित मणिपुर में सुरक्षा स्थिति पर नकली वीडियो निहित स्वार्थों के लिए असामाजिक तत्वों द्वारा प्रसारित किया जा रहा है। इससे पहले गुरुवार को मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने मणिपुर में हिंसा की खबरों के बाद मेघालय के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक तत्काल बैठक बुलाई थी। बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया, सीएम ने कहा कि सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि स्थिति उत्पन्न होती है तो छात्रों को निकालने के लिए एक योजना तैयार करें। संगमा ने कहा कि मेघालय के 200 से अधिक निवासी मणिपुर में अध्ययन कर रहे हैं और सरकार आपात स्थिति के मामले में छात्रों या परिवार के सदस्यों तक पहुंचने के लिए एक हेल्पलाइन स्थापित कर रही है।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने 3 मई को इम्फाल और चुराचांदपुर क्षेत्र में आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की बात कही जा रही है। मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मैतेई समुदाय की मांग पर विचार किया जाए। इसके बाद आदिवासी और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई, जिसमें 9 हजार लोग प्रभातिव हुए हैं।