नई दिल्ली ।     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 16वें सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम के समापन सत्र में हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में पीएम मोदी ने पुरस्कार वितरित किए और देश के आईएएस अफसरों को मंत्र भी दिया। नीचे पढ़िए संबोधन की बड़ी बातें। देश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत सभी अधिकारियों के कार्यों की पहचान और प्रोत्साहन के लिए हर साल 21 अप्रैल को 'सिविल सेवा दिवस' मनाया जाता है।
 

इस साल का 'सिविल सर्विस डे' बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है

यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है। मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है... हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।

पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो।