सिंहस्थ 2028 के लिए शुरु हो गई तैयारियां
भोपाल। सिंहस्थ 2028 के लिए तैयारियां शुरु हो गई हैं। कुंभ में कई करोड़ लोग आएंगे। इस कुंभ को भव्य बनाने के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार कोई कोर कसर नहीं छोडऩे की बात कर रही है। इधर साधु-संत भी तैयारियों में लग गए हैं। गंगा दशहरा पर्व पर नीलगंगा सरोवर में शाही स्नान होगा जिसमें देशभर से साधु संत आएंगे। 30 मई को इस आयोजन से पहले यहां कुंभ के संबंध में बैठक भी रखी गई है।
आगामी 28, 29 व 30 मई को होने वाली इन बैठकों में सिंहस्थ के प्रत्येक बिंदु पर विचार विमर्श किए जाने के साथ ही मां शिप्रा को प्रवाहमान किए जाने, महाकालेश्वर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को भी सहजता से दर्शन के साथ ही सिंहस्थ 2028 निर्विघ्न संपन्न होने पर परिचर्चा की जाएगी। मां शिप्रा को सदा प्रवाहमान बनाए रखने के लिए अखाड़ा परिषद महामंत्री हरिगिरि महाराज ने एक उपाय सुझाया है। उनका कहना है कि रामघाट के पहले क्षेत्र में 10 से 15 किलोमीटर तक एक डेम का निर्माण कर देना चाहिए, जिससे कि शिप्रा तट पर सदैव जल प्रवाहित होने के साथ ही मां शिप्रा सदैव साफ व स्वच्छ रहेगी। डेम के बनने से मां शिप्रा के प्रवाहमान और साफ व स्वच्छ होने के साथ ही क्षेत्र के किसानों को भी लाभ मिलेगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने मीडिया से चर्चा में बताया कि 28 और 29 मई की बैठक दत्त अखाड़ा और दातार अखाड़ा में होना है। इसमें आगामी सिंहस्थ की तैयारी को लेकर चर्चा की जाएगी। 30 मई को सुबह शाही स्नान होगा। पेशवाई के रूप में शोभायात्रा निकलेगी। इसके बाद पुन: एक बैठक नीलगंगा अखाड़ा में होगी, जिसमें सिंहस्थ के हर बिंदुओं पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि सिंहस्थ 2028 में आनेवाले लोगों के लिए बाकायदा शोध किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय के इस शोध के मुताबिक सिंहस्थ 2028 में करीब 7 करोड़ लोगों के उज्जैन पहुंचने का अनुमान है।