देश के पहले आदिवासी विधायक जो लगातार 8 वीं बार  फिर विधायक बनने की तैयारी में। एक ही सीट से बना चुके हैं जीत का कीर्तिमान


कुंवर विजय शाह, मकड़ाई राजघराने का ऐसा नाम जो भारतीय राजनीति में बुलंदी पर है.

1948 में मकड़ाई भारत संघ में शामिल हुआ

मकड़ाई रियासत आजादी से पहले मध्य भारत एजेंसी के प्रशासनिक अधिकार में थी। 1933 में इसे सीपी बरार और मध्य प्रांत से मध्यभारत एजेंसी भोपाल में शिफ्ट कर दिया गया था। आजादी के बाद 1947 के बाद से मकड़ाई फरवरी 1948 को भारत संघ में शामिल हुआ, रिसायत को मध्य प्रदेश में शामिल किया गया था। युवराज देवी शाह के बेटे हैं, कुंवर विजय शाह हरसूद जो हरसूद से चुने जाते रहे हैं। संजय शाह टिमरनी से विजय रहे। ये दोनों भाई 14 वीं विधानसभा के सदस्य थे प्रदेश के पूर्व मंत्री कुंवर विजय शाह का जन्म मकड़ाई (जिला हरदा) में हुआ और उच्च शिक्षा उन्होंने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में प्राप्त की थी। कॉलेज में छात्र राजनीति में वे कई पदों पर रहे। हरसूद विधानसभा से 1990 से लगातार वे विजयी होते रहे हैं। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वे हरसूद से भाजपा के उम्मीदवार हैं। वर्तमान विधानसभा में सबसे अनुभवी और लगातार आठ बार चुने गए रेहली से विधायक व मंत्री गोपाल भार्गव के बाद लगातार  हरसूद से चुने जाने वाले विजय शाह आदिवासी विधायक हैं।

कुंवर विजय शाह के वन मंत्री रहते समय ही मध्यप्रदेश तीसरी बार टाइगर स्टेट बना

उल्लेखनीय है कि कुंवर विजय शाह  के वन मंत्री रहते समय ही मध्यप्रदेश तीसरी बार टाइगर स्टेट बना था। प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने 5 जुलाई को खंडवा में मीडिया से बात करते हुए कहा था मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने पर मुझे बेहद खुशी हुई है। उस समय विजय शाह खुद को इसका क्रेडिट देते हुए कहा था कि प्रदेश तीसरी बार टाइगर स्टेट बना है. पहली और दूसरी बार जब मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट बना था उस समय भी मैं वन मंत्री था, तीसरी बार टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त होने के समय भी मैं ही वन मंत्री हूं. उन्होंने कहा कि प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में हमारे अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत शामिल है।

मंत्री विजय शाह ने कहा कि दुनिया में टाइगर संरक्षण के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं. टाइगर बचाने की मुहिम 1973 में शुरू हुई थी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हम टाइगर प्रोटेक्शन ही नहीं बल्कि उसकी जनसंख्या में भी सबसे अव्वल हैं. शाह ने कहा 785 टाइगर होना बड़े गर्व की बात है लेकिन मेरा दावा है कि प्रदेश में एक हजार से ज्यादा टाइगर हैं. टाइगरों की गिनती को लेकर उन्होंने कहा कि कभी फोटो में एक तरफ की तस्वीर फोटो में नहीं आती है. शावकों की उम्र को लेकर भी कंफ्यूजन के चलते उनकी गिनती नहीं करते हैं. विपक्षियों पर निशाना साधते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा कि पहले टाइगर के मरने के खूब आरोप लगाते थे, लेकिन अब उन्हें मोबाइल के बजाय कालर ऊंचा कर जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा वन्यजीवों की केयर करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भोपाल बुलाकर को पुरुस्कृत करने का काम भी किया।

मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र के विकास के लिए विजय शाह हमेशा समर्पित रहे।

प्रदेश के कुनो पार्क में चीतों को लाए जाने के बाद से भी उन्होंने सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए। कुछ शावकों की मौत पर भी उन्होंने कहा था कि चीतों की कॉलर आईडी से पता चला है कि उनकी मौत भूख, एक्सीडेंट या लापरवाही के कारण नहीं हुई है. 11 चीतों की सुरक्षा पर एक गाड़ी लगी हुई है जो उनको मॉनिटरिंग करती है. उन्होंने कहा कि जल्द ही हम चीजों को शिफ्ट करने का प्लान बना रहे हैं. वनमंत्री विजय शाह ने कहा कि आने वाले समय बुरहानपुर रिजर्व फॉरेस्ट, ओमकारेश्वर और नर्मदा नगर में अभ्यारण्य बनाने की योजना है. हालांकि ये अभी भी अभ्यारण्य ही हैं लेकिन सिर्फ नाम उसका अलग है. वहां रिजर्व फॉरेस्ट के नाम पर सभी प्रकार की व्यवस्थाएं हैं।सबकी राय लेकर आने वाले समय 2024 में इस काम को पूरा करेंगे। श्री शाह को जनता से मिलने वाले असीम प्यार की बड़ी वजह है कि जो वह कहते हैं करते हैं।

2023 के इस चुनाव में फिर जीत के उत्साह से लबरेज हैं कुंवर विजय

भाजपा की सरकार बनी तो शाह को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी : 8 वीं बार पहुंचेंगे विधानसभा 

मध्य प्रदेश में भाजपा को बहुमत का अनुमान

रिपल्बिक-मैट्रिज के एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में भाजपा को 118-130 सीटें मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को 97-107 सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान है। इन अनुमानों के मायने हैं कि मध्य प्रदेश में भाजपा को बहुमत मिलेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है.यदि यह एग्जिट पोल सही निकलता है और भाजपा की सरकार बनती है तो कुंवर विजय शाह को बड़ी जिम्मेदारी भी मंत्रालय में मिल सकती है, क्योंकि वे 8 वीं बार विधानसभा में पहुंचेंगे। तो जानते 
कुंवर विजय शाह के बारे में बहुत कुछ, श्री शाह हरसूद के विधायक हैं और मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं और उन्होंने मध्य प्रदेश के जिला देवास, बागली जागीर की रहने वाली भावना कुशवाहा से शादी की है और उनके एक बेटे (दिव्यादित्य) हैं।

कुंवर विजय शाह के बारे में रोचक तथ्‍य

विजय शाह का जन्म 1 नवंबर 1962 को हुआ था। उन्होंने एमए तक की शिक्षा हासिल की है। अपने छात्र जीवन से ही कुंवर विजय शाह राजनीति एवं समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे।

इन्दौर के क्रिश्चियन कॉलेज के छात्रसंघ में उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया। दस से भी अधिक वर्षों तक अभाविप से जुड़े रहकर उन्होंने अनेक रचनात्मक कार्यों एवं गतिविधियों में युवाओं का नेतृत्व किया।

वर्तमान में विजय शाह हरसूद से चुनाव मैदान में हैं, फिर जीत की तैयारी में हैं।सन 1990 में हुए नौवीं विधानसभा के चुनाव में शाह को भाजपा के विधायक के रूप में खंडवा जिले के हरसूद विधानसभा क्षेत्र से चुना गया था। इसके बाद उनके जीत का सिलसला लगातार आगे बढ़ते रहे। 2003 के बारहवीं विधानसभा के निर्वाचन में भी उन्हेंने इसी सीट से चौथी बार जीत दर्ज की।
अभाविप से उनका लंबे समय से जुड़ाव रहा है। 1990 में कुंवर विजय शाह को हरसूद विधानसभा क्षेत्र, खंडवा ज़िला से भाजपा के विधायक के रूप में चुना गया था। उन्हें 28 अक्टूबर 2009 को शिवराजसिंह चौहान के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया।कुंवर विजय शाह पहली बार मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती के मंत्रिमंडल में 28 जून 2004 को शामिल हुए थे। वे 27 अगस्त 2004 में भी मंत्री बने। 4 दिसंब 2005 को शिवराजसिंह चौहान के मंत्रिमंडल में भी उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। फिर 28 अक्टूबर 2009 को उन्हें एक बार फिर से शिवराजसिंह चौहान के मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री के रूप सम्मिलित शामिल किया गया था।
कुंवर विजय शाह को तैराकी, ट्रेकिंग, घुड़सवारी, सार्वजनिक कल्याणकारी कार्यों, पर्यटन और दर्शनीय स्थलों की सैर करने में विशेष रुचि है।

राजनीतिक घटनाक्रम

2013 : वह दिसंबर 2013 में हरसूद निर्वाचन क्षेत्र से 14 वीं विधानसभा के लिए चुने गए और कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
2008 : वह हरसूद से 5 वीं बार 13 वीं विधान सभा के लिए चुने गए और श्री शिवराज सिंह चौहान की मंत्रिपरिषद में मंत्री बने।
2003 :  वर्ष 2003 में संपन्न बारहवीं विधानसभा के निर्वाचन में कुंवर विजय शाह हरसूद से चौथी बार विधायक चुने गये।
1998 :  कुंवर विजय शाह तीसरी बार 11 वीं विधान सभा के लिए चुने गए थे।
1993 :  वर्ष 1993 में संपन्न दसवीं विधानसभा के चुनाव में कुंवर विजय शाह पुन: भारी मतों से हरसूद से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए।
1990 :  विजय शाह खांडवा जिले के हरसूद विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 9वीं विधान सभा के लिए चुने गए थे।

शाह परिवार का राजनीति से गहरा वास्ता रहा है। कुंवर विजय शाह पिछले 34 वर्ष यानी 1990 से लगातार हरसूद से विजयी होते रहे हैं। टिमरनी से कुंवर विजय शाह के भाई संजय शाह वर्ष 2008 से विजय हो रहे हैं। 2018 के चुनाव में टिमरनी से संजय शाह के विरुद्ध उन्हीं के भतीजे अभिजीत शाह कांग्रेस के टिकट पर खड़े हुए थे।