भोपाल । प्रदेश के कई जिलों में  वर्षा और ओलावृष्टि होने से पफसलों को भारी नुकसान हुआ है वहीं बिजली गिरने से अलग-अलग जिलों में करीब आठ लोगों की मौत हो गई है।  साथ ही कई क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने के साथ वर्षा भी हुई। बिजली गिरने से धार, नर्मदापुरम, सागर, बैतूल, रायसेन और अशोकनगर जिले में आठ लोगों की मौत हो गई।  वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर छह मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं। उनके प्रभाव से बादल छा गए हैं। रायसेन जिले की गैरतगंज तहसील क्षेत्र के अलग- अलग स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई तथा पांच व्यक्ति घायल हुए हैं। एक गंभीर घायल को गैरतगंज अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बीते कुछ दिनों से बिगड़ा मौसम शनिवार को सात लोगों पर कहर बनकर टूटा। खराब मौसम के बीच आकाशीय बिजली गिरने से रजपुरा निवासी पप्पू साहू आत्मज हरचरण साहू उम्र 23 वर्ष तथा सोडरपुर निवासी इंद्रजीत आत्मज चन्द्रहारा विश्वकर्मा 24 वर्ष की मौत हो गई। इसके अलावा रजपुरा निवासी सुशील आत्मज हरचरण साहू 28 वर्ष तथा सोडरपुर निवासी अजय आत्मज धनसिंह रैकवार 22 वर्ष, दीपक आदिवासी आत्मज लीलाधर 25 वर्ष, छोटू रैकवार आत्मज गुड्डू 18 वर्ष घायल हुए हैं। वही गंभीर हालत होने पर बुद्धुलाल आत्मज भोगीलाल खंगार 45 वर्ष को रायसेन रेफर किया गया। इस घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार राकेश शुक्ला घायलों का हालचाल जानने अस्पताल पहुंचे। थाना प्रभारी महेश टांडेकर ने बताया कि मृतक एवं घायल दोपहर चार बजे करीब अपने खेतों पर काम कर रहे थे। तभी अचानक बिजली कड़कने लगी। वहां पर आकाशीय बिजली गिरने से यह घटना घटित हो गई। जानकारी मिलने पर घायलों को गैरतगंज अस्पताल लाया गया। जहां पर दो लोगों को मृत घोषित किया गया। गंभीर घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया। तहसीलदार शुक्ला का कहना है कि मृतकों व घायलों को नियमानुसार सहायता राशि दी जाएगी। उधर धार  जिले में शुक्रवार शाम बिजली की गड़गड़ाहट व तेज आंधी के साथ बेमौसम मावठे की वर्षा ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से ग्राम पंचायत शंभूपाड़ा के मजरे बांडियाबाग निवासी 33 वर्षीय महिला मीराबाई पत्नी भरत की मौत हो गई। खेत पर दोनों पति-पत्नी काम कर रहे थे। जब वर्षा की बूंदाबांदी शुरू हुई तो दोनों घर आने लगे। पति कुछ दूर आगे निकल गया। तभी पीछे आती हुई महिला पर बिजली गिरी और उसने वहीं दम तोड़ दिया। बाद में 108 एंबुलेंस से महिला को सिविल हास्पिटल लाया गया। जहां ड्यूटी डाक्टर ने जांच कर मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम किया। पता चलने पर तहसीलदार अजमेरसिंह गौड़ भी अस्पताल पहुंचे तथा आवश्यक कागजी खानापूर्ति कर परिवार को शासन की ओर से चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता तत्काल दिए जाने के लिए आश्वस्त किया। अंतिम संस्कार के लिए भी पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। महिला का पोस्मार्टम शनिवार सुबह किया जाएगा। दूसरी और वर्षा से खेत खलिहान में रखी फसलें व खेतों में खड़ी फसलों में नुकसानी की संभावना जताई गई है। सब्जी मंडी में शेड के पास रखी व्यापारियों की रखी लहसुन भीग गई। ठेकेदार की धीमी गति से डोम हाइराईज शेड निर्माण करने का खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। यहां मंडी में बिक्री के लिए वाहनों में उपज लेकर आए किसानों को वर्षा से बचाने के लिए खासी मशक्कत करना पड़ी। वर्षा होने से खेतों में कीचड़ हो गया है जिससे कटाई में व्यवधान उत्पन्न हुआ। शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 15, रायसेन में तीन, नरसिंहपुर में एक, उज्जैन में 0.6, नर्मदापुरम में 0.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबलपुर, भोपाल और मलाजखंड में बूंदाबांदी हुई। बेमौसम आंधी–पानी से खेतों में खड़ी व काटकर रखी फसलों को भारी नुकसान होने का अनुमान है। प्रदेश के मालवा- निमाड़ अंचल में शुक्रवार दिन भर मौसम खराब रहा। सुबह से ही झाबुआ, रतलाम, मंदसौर सहित कई स्थानों पर कहीं तेज तो कहीं हल्की वर्षा हुई। वहीं आलीराजपुर सहित कुछ स्थानों पर दोपहर में भी वर्षा हुई। कहीं-कहीं ओले भी गिरे। इससे खेतों में खड़ी फसलें जहां आड़ी पड़ गईं, वहीं काटकर रखी फसलें गीली हो गईं। ग्वालियर- चंबल अंचल के शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर के ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार दोपहर ओलावृष्टि हुई। कई जगहों पर लगभग 15 मिनट तक गिरे ओलों से सड़कों पर उनकी परत बिछ गई। बीते एक हफ्ते से थोड़े-थोड़े अंतराल में बिगड़ रहे मौसम ने किसानों का नुकसान बढ़ा दिया है। कृषि विज्ञानी डा. एमके भार्गव का कहना है कि इस समय ओलावृष्टि फसल के लिए काफी नुकसानदायक है। किसानों के खेतों में मसूर, धनिया सहित सरसों की फसल खड़ी या कटी पड़ी है जिसमें नुकसान का अनुमान है। उधर इटारसी के आदिवासी विकासखंड केसला के झुनकर गांव और बैतूल के जामुनढाना गांव में आकाशीय बिजली की घटनाएं हुई इसमें दो लोगों की मौत हो गई वहीं 60 से अधिक बकरियों की भी मौत हो गई है। चराई के लिए बकरियां जंगल में थीं, तभी बिजली गिरने से सारी बकरियों की मौत हो गई। महाकोशल-विंध्य और बुंदेलखंड के जिलों में बदले मौसम के मिजाज से बूंदाबांदी और वर्षा हुई। नरसिंहपुर के गाडरवारा में कुछ देर के लिए चने के आकार के ओले गिरे। दमोह के तेंदूखेड़ा में करीब आधे घंटे तक वर्षा हुई। अनूपपुर, शहडोल समेत अन्य जिलों में बूंदाबांदी हुई और बादल छाए रहे। कटनी में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। जबलपुर में शाम को आंधी के साथ बौछारें पड़ीं। गाडरवारा तहसील मुख्यालय के साथ ही ग्राम कान्हरगांव और झांझनखेड़ा में करीब पांच मिनट चने के आकार के ओले गिरे। नरसिंहपुर, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा और करेली तहसील क्षेत्र में भी कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हुई है। वर्षा से चना-मसूर को आंशिक नुकसान हो सकता है तो गेहूं के दानों की चमक प्रभावित होगी।